KISHANGANJ : किशनगंज जिले के ठाकुरगंज में चीता दिख जाने से लोगों में दहशत का माहौल हो गया है. मजदूरों ने चाय बगान में चीते को घूमते देखा था. इसके बाद स्थानीय लोगों में सनसनी फैल गई. इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी गई. चीता के रिहायशी इलाके में प्रवेश करने के भय से लोग डरे-सहमे हैं. दूसरी तरफ, वन विभाग की टीम चीता को पकड़ने में जुट गई है. साथ ही टीम स्थानीय लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रही है. वन विभाग के अधिकारियों ने भी इलाके में चीता होने की पुष्टि की है.
जानकारी के अनुसार, किशनगंज के ठाकुरगंज नगर पंचायत के टी एस्टेट के चाय बागान में सोमवार देर शाम को चीता देखा गया. वन विभाग के कर्मी ने बताया कि बंगाल टाइगर की बात बताई जा रही थी, जो गलत है. वहां मौजूद पैरों के निशान और अन्य तथ्यों की छानबीन करने के बाद इलाके में चीता होने की बात सामने आई है. वन विभाग के 25 कर्मचारी चीता को पकड़ने में जुटे हैं. इसके पकड़े जाने तक लोगों से सतर्क रहने की अपील की जा रही है. वन विभाग के कर्मचारी दरवाजा आदि अच्छी तरह से बंद रखने की सलाह दे रहे हैं.
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह नेपाल बॉर्डर से लगता हुआ इलाका है. यहां अक्सर नेपाल के जंगलों से हाथी भोजन की तलाश में आते हैं. वे फसलों का व्यापक पैमाने पर नुकसान करते हैं. अब इलाके में चीता होने की खबर ने वन विभाग की चिंता और परेशानी बढ़ा दी है. वन विभाग के आलाधिकारी भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है. वन अधिकारी यूएन दुबे ने बताया कि चीता को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा. तब तक के लिए वनकर्मियों को जानमाल की नुकसान बचाने की हिदायत दी गई है.
इससे पहले किशनगंज के अररिया में भी सोमवार दोपहर बाद एक चीता घूमता हुआ देखा गया. गांव में चीता के होने की सूचना पाकर लोगों में भगदड़ मच गयी. बच्चों और महिलाओं में भय का माहौल बन गया. हालांकि बाद में वन विभाग की टीम ने चीता को कब्जे में लिया. अररिया में चीते ने कई लोगों पर हमला करके घायल भी कर दिया था.