PATNA : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा किसान आंदोलन के समर्थन में खुलकर उतर गए हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने किसानों की मांग का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को लेकर सवाल पूछा है. कुशवाहा ने केंद्र सरकार से पूछा है कि आखिर में कृषि कानून लागू नहीं हुए तो इससे क्या नुकसान होगा. रालोसपा अध्यक्ष ने कहा है कि केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि नए कृषि कानून नहीं लागू होने से देश पर इसका क्या प्रभाव होगा.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अगर देश भर के किसान नए कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं तो जरूर कोई बात होगी. केंद्र सरकार को यह बात समझ में आ जानी चाहिए. रालोसपा अध्यक्ष ने कहा कि किसानों ने हमेशा यह बताया है कि नए कृषि कानूनों से किस तरह का नुकसान है. नए कृषि कानून पूंजी पतियों को कृषि क्षेत्र में जबरदस्त ताकत देते हैं और इससे पूजी पतियों का किसानों के ऊपर अधिपत्य बढ़ेगा. ऐसे में केंद्र सरकार को यह सोचना चाहिए कि नए कृषि कानून को क्यों नहीं रद्द किया जाए.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यहां के किसानों को नए कृषि कानूनों के बारे में ठीक-ठीक समझ हो गई है. वहां किसान आंदोलन आगे बढ़ गया है लेकिन जिन राज्यों के किसानों ने अब तक के नए कृषि कानूनों को नहीं समझा है, वहां आंदोलन अब तक रफ़्तार नहीं पकड़ पाया है. बिहार को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अब यहां के भी किसानों को कृषि कानूनों के बारे में समझ में आने लगा है और आंदोलन की सुगबुगाहट होने लगी है.
उपेंद्र कुशवाहा ने ऐलान किया है कि वह नए कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार के गांव-गांव में जाकर किसान चौपाल लगाएंगे. कुशवाहा 2 फरवरी से इस अभियान की शुरुआत करेंगे. शहीद जगदेव बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद उनकी तरफ से इस अभियान की शुरुआत होगी और पूरे फरवरी महीने में वह गांव-गांव तक जाकर किसान चौपाल लगाएंगे. किसानों को नए कृषि कानूनों के बारे में जागरूक करेंगे और उन्हें बताएंगे कि नए कृषि कानून लागू होने से क्या नुकसान होगा. इतना ही नहीं कुशवाहा नए कृषि कानून की प्रतियों को भी किसान चौपाल के दौरान जलाने का काम करेंगे.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि दिल्ली में जो कुछ हुआ वह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है. लाल किले पर हुई घटना के वक्त सरकार कहां थी, सुरक्षा कैसी थी, इसको लेकर कुशवाहा ने सवाल खड़े किए. वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन की मानव श्रृंखला में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा कि अलग-अलग पार्टी का अपना अपना कार्यक्रम है वह किसान चौपाल के जरिए किसानों के आंदोलन को समर्थन देंगे.