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1st Bihar Published by: Updated Thu, 17 Jun 2021 06:16:48 PM IST
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PATNA : लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले पार्टी के खेमे ने पटना में पशुपति पारस को निर्विरोध पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद पारस खेमे ने प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया. इस प्रेस वार्ता में पशुपति गुट के तीन सांसद वीणा देवी, महमूद अली कैसर और चंदन सिंह मौजूद रहें. इनके अलावा सूरजभान सिंह भी पशुपति पारस के साथ मौजूद थे. प्रेस कांफ्रेंस में ही इस बात का खुलासा हो गया कि केंद्रीय मंत्री बनने के लिए पशुपति कुमार पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान को लोकसभा में पार्टी के नेता और पार्टी अध्यक्ष पद से हटाया. उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए खुद यह बात कही कि वह केंद्र में मंत्री पद पाने वाले हैं.
गुरूवार को पटना स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्री बनने वाले हैं. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पशुपति पारस ने कहा कि जिस दिन वह केंद्रीय मंत्री बनेंगे और मंत्री पद ग्रहण करेंगे, उसी दिन वह संसदीय दल के नेता के तौर पर इस्तीफा दे देंगे और पार्टी के किसी अन्य साथी को संसदीय दल का नेता बना देंगे.
आपको बता दें कि एक साथ कई पदों का निर्वहन करने का विरोध करने वाले लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस खुद कई बड़े पदों पर हैं. पशुपति पारस अपने खेमे के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इसके अलावा वह लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता भी हैं. साथ ही वह दलित सेना के भी अध्यक्ष हैं. इतना ही नहीं पशुपति कुमार पारस सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के स्टैंडिंग कमिटी और रेल मंत्रालय के परामर्श समिति के भी सदस्य हैं.
प्रेस कांफ्रेंस में पशुपति पारस काफी असहज दिखे. कई बार मीडिया के सवालों पर वह झल्लाते हुए भी दिखे. केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे. क्योंकि संगठन अपनी जगह है और केंद्रीय मंत्री का पद अपनी जगह है. पशुपति ने कहा कि संगठन और सरकार अलग-अलग है. इतना कहकर पशुपति बीच में ही प्रेस कांफ्रेंस छोड़कर चले गए.
गौरतलब हो कि लोजपा के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने हाल ही में लोजपा के अन्य चार सांसदों के समर्थन से चिराग की जगह लोकसभा में पार्टी के नेता का ओहदा हासिल कर लिया है. इसके अलावा वह गुरूवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन गए. हालांकि चिराग का दावा है कि उनके चाचा ने असंवैधानिक तरीके से ऐसा किया है. पार्टी का संविधान अलग है. पार्टी संवैधानिक तरीके से चलती है.