DESK: किसानों को यूरिया खाद ₹266.50 में उपलब्ध कराने के निर्णय का बिहार राज्य खुदरा उर्वरक बीज कीटनाशक विक्रेता संघ ने स्वागत किया है। संघ के अध्यक्ष निरंजन कुशवाहा ने बताया कि सरकार का यह फैसला किसानों के हित के साथ-साथ खुदरा उर्वरक विक्रेताओं का भी सम्मान बढ़ाने वाला है। लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ परेशानी आ रही है। जिसे लेकर बिहार के कृषि मंत्री को पत्र लिखा गया है और इस संबंध में उचित कदम उठाने की मांग की गयी है।
सरकार द्वारा लागू की गई योजना के तहत खुदरा विक्रेताओं को यूरिया प्रति बोरा ₹266 रुपये 50 पैसे की दर से बेचना तय किया गया है। जिसके लिए बिहार राज्य खुदरा उर्वरक बीज कीटनाशक विक्रेता संघ द्वारा सरकार की सराहना करते हुए इस फैसले को किसान हित में बताया गया लेकिन इस दर में खुदरा विक्रेताओं को बेचने में समस्याएं भी सामने आ रही है। संघ का मानना है कि थोक विक्रेताओं तक यूरिया पहुंचते-पहुंचते ₹270 से ₹295 प्रति बोरा के दर से होता है।
जिसके कारण किसानों को भी तय मूल्य से ज्यादा में यूरिया मिल रहा है। संघ ने इसका कारण बताते हुए स्पष्ट किया है कि थोक विक्रेताओं को यह यूरिया जीएसटी के साथ लगभग ₹255 प्रति बोरा के दर से मिलता है। जिसमें लोडिंग अनलोडिंग एवं ढुलाई भाड़ा को अगर जोड़ा जाए तो इसकी कीमत थोक विक्रेताओं तक पहुंचते-पहुंचते ₹270 से ₹285 पहुंच जाती है।
संघ ने कृषि मंत्री से मांग करते हुए कहा है कि यदि व्यवहारिक रुप से भाड़े की व्यवस्था कंपनी या फिर सरकारी स्तर पर तय की जाए तो थोक विक्रेताओं को तय किए गए दाम में बेचने में कठिनाई नहीं होगी। जिससे किसानों को सरकार द्वारा तय किए गए कीमत में यूरिया आसानी से उपलब्ध हो पाएगा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष निरंजन कुशवाहा ने बिहार सरकार के कृषि मंत्री को पत्र के माध्यम से मांग करते हुए किसान हित में आवश्यक कदम उठाने के लिए मांग की है।
बिहार राज्य खुदरा उर्वरक बीज कीटनाशक विक्रेता संघ के अध्यक्ष निरंजन कुशवाहा ने किसानों को सरकारी दर पर यूरिया उपलब्ध कराने के संबंध में बिहार के कृषि मंत्री को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए यह बताया कि किसानों को यूरिया खाद 266.50 में उपलब्ध कराने के निर्णय का बिहार राज्य खुदरा उर्वरक बीज कीटनाशक विक्रेता संघ ने स्वागत किया।
संघ के अध्यक्ष निरंजन कुशवाहा ने बताया कि कहा कि यह निर्णय किसानों के हित के साथ-साथ खुदरा उर्वरक विक्रेताओं का भी सम्मान बढ़ाने वाला है। लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ परेशानी है। बिहार का खुदरा उर्वरक विक्रेता किसान हित में सरकार द्वारा लिए गये निर्णय के साथ है। लेकिन इन समस्याओं के समाधान के बिना सरकार की यह योजना पूर्व की तरह असफल हो सकती है।