PATNA: कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए चुनाव मैदान में उतरे शशि थरूर शुक्रवार को बिहार प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में खाली कुर्सी टेबल से अपने लिए वोट मांग कर वापस लौट गये. शशि थरूर बिहार के उन 594 कांग्रेसी नेताओं का वोट मांगने पहुंचे थे जो डेलीगेट हैं यानि कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में वोटर हैं. लेकिन बमुश्किल आधा दर्जन डेलीगेट्स से उनकी मुलाकात हो सकी. वैसे बिहार प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय में चार दिन पहले उत्सव का माहौल था जब कांग्रेस अध्यक्ष पद के दूसरे दावेदार मल्लिकार्जुन खडगे वोट मांगे पटना पहुंचे थे.
न स्वागत न मीटिंग
शुक्रवार की शाम शशि थरूर पटना पहुंचे थे. एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए दो-चार कांग्रेसी नेता मौजूद थे. हालांकि थरूर ने पहले ही कांग्रेस के सारे डेलीगेट्स और प्रमुख नेताओं को पत्र लिखकर ये बता दिया था कि वे 14 अक्टूबर को पटना पहुंच रह रहे हैं. पटना पहुंचने के बाद शशि थरूर को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय जाकर मीटिंग करनी थी. लेकिन एयरपोर्ट पर ही अंदाजा हो गया था कि कांग्रेस कार्यालय में क्या होगा.
थरूर बोले-नेता बदलाव नहीं चाहते
शशि थरूर जब प्रदेश कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम पहुंचे तो लगभग सारे नेता गायब थे. थरूर सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार ही नहीं बल्कि पार्टी के सीनियर नेता भी हैं. लेकिन आलम ये था कि हर रोज कांग्रेस कार्यालय में बैठकी लगाने वाले नेता शुक्रवार को खास तौर पर वहां से गायब थे. मीडिया ने जब शशि थरूर से पूछा कि ये नजारा क्यों है तो पहले तो उन्होंने सवाल को टालने की कोशिश की. लेकिन जब बार-बार यही सवाल पूछा गया तो जवाब दिया. कहा-उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि बिहार के नेता ऐसा क्यों कर रहे हैं. लगता है कि वे बदलाव नहीं चाहते. वे पहले से चली आ रही परंपरा को ही लागू रखने में यकीन करते हैं.
नेताओं ने फोन स्वीच ऑफ कर लिया था
शशि थरूर के इक्का-दुक्का समर्थकों में से एक ने बताया कि पटना पहुंचने के बाद भी वे बिहार के कांग्रेसी नेताओं को कॉल कर रहे थे. लेकिन ज्यादातर नेताओं ने अपना फोन स्वीच ऑफ कर रखा था. कुछ लोगों के नंबर पर रिंग हुआ लेकिन उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया. बिना कहे बिहार के कांग्रेसी नेताओं ने शशि थरूर के कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया था.
बता दें कि इससे पहले 11 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के दूसरे दावेदार मल्लिकार्जुन खडगे पटना आये थे. तब ऐसा लगा था कि मानो बिहार के कांग्रेसी जश्न मना रहे हों. पटना शहर में कई स्थानों पर बैनर-होर्डिंग लगाये गये थे. सदाकत आश्रम में कांग्रेस के लगभग सभी डेलीगेट्स मौजूद थे. मल्लिकार्जुन खड़गे की बात तो दूर उनके इलेक्शन एजेंट प्रमोद तिवारी के पटना पहुंचने पर भी कांग्रेसी नेताओं ने जोरदार स्वागत किया था.
बिहार के एक कांग्रेस डेलीगेट ने फर्स्ट बिहार को बताया कि ये बात जगजाहिर हैं कि मल्लिकार्जुन खडगे गांधी परिवार के नुमाइंदे हैं. उन्हें सोनिया-राहुल ने उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में शशि थरूर से मिलने तक से ये मैसेज जाने का डर है कि सोनिया-राहुल का विरोध किया जा रहा है. तभी शशि थरूर को ऐसे अपमानजनक हालत में बिहार से लौटना पड़ा.