DESK: नदियों का जलस्तर बढ़ने से बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। कई घरों में पानी भर जाने के कारण लोग घर द्वार छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हैं। राघोपुर में भी यही स्थिति देखी जा रही है। जहां लोग घर छोड़कर हाजीपुर में बनाए गये राहत शिविरों में रहने को विवश हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिए तेरसिया में बने राहत कैंप का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री नित्यानंद राय पहुंचे जहां मंत्री को देखते ही लोगों ने घेर लिया और राहत कैंप में सरकार की ओर से की गयी व्यवस्था को लेकर शिकायत करने लगे। लोगों का कहना की छोटे बच्चों के लिए रोटी का इंतजाम कराया जाना चाहिए। वहां मौजूद महिला ने भी यही मांग रखी। जिसके बाद मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार के लिए रोटी का इंतजाम कराना संभव नहीं है।
बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कैंप में भोजन की व्यवस्था की गयी है। जहां सामुदायिक किचेन की भी व्यवस्था है। जहां लोगों को दोनों वक्त केवल चावल ही दिया जा रहा है। कैंप में रहने वाले लोगों की शिकायत थी कि सिर्फ चावल खाने से छोटे-छोटे बच्चे बीमार हो रहे हैं। जिसे लेकर लोग परेशान दिखे। लोगों की यह बात जुबान पर उस वक्त आ गयी जब मंत्री नित्यानंद राय राहत कैंप का निरीक्षण करने पहुंचे। मंत्री जी को देखते ही लोगों ने रोटी का इंतजाम करने की मांग रख दी। तब मंत्री नित्यानंद राय ने लोगों से कहा कि रोटी का इंतजाम कराना सरकार के लिए संभव नहीं है।
गौरतलब है कि नित्यानंद राय पटना से समस्तीपुर की ओर जा रहे थे तभी एनएच के किनारे बाढ़ प्रभावित लोगों पर उनकी नजर गई जिसके बाद उन्होंने अपने काफिले को रुकवाया और राहत कैंप का जायजा लेने लगे। तभी उन्हें देख राहत कैंप में रह रहे लोग सामने आ गये और अपनी अपनी समस्या बतानी शुरू कर दी। तभी एक महिला ने कहा कि कैंप में दस दिनों से दोनों वक्त सिर्फ चावल मिल रहा है जिससे बच्चों की तबीयत खराब हो रही है। यदि एक वक्त भी रोटी का इंतजाम किया जाता तो अच्छा होता। दोनों टाइम भात खाने का मन नहीं करता है।