PATNA : केंद्रीय मंत्रिमंडल में जनता दल यूनाइटेड के शामिल होने के बाद लगातार पार्टी के अंदर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह की दूरी को लेकर भी कयास लग रहे हैं. लेकिन इस बीच जेडीयू के लोकसभा सांसद और वरिष्ठ नेता ललन सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार पर बड़ा बयान दिया है. सांसद ललन सिंह ने कहा है कि साल 2019 में नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और उस वक्त जो प्रस्ताव आया था, उसे पार्टी ने स्वीकार नहीं किया था. तब फैसला नीतीश कुमार ने पार्टी के सभी नेताओं के साथ चर्चा के बाद लिया था.
सांसद ललन सिंह ने कहा है कि अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार नहीं बल्कि आरसीपी सिंह हैं. आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार और पार्टी ने अधिकृत किया था कि वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर फैसला लें. उनके पास जो प्रस्ताव आया, उसके ऊपर आरसीपी सिंह ने फैसला किया। ललन सिंह ने कहा कि साल 2019 में जो फैसला हुआ था, उसके पहले पार्टी के नेताओं से चर्चा हुई थी. यह पूछे जाने पर कि क्या इस बार चर्चा की गई. ललन सिंह ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था. यह फैसला जरूर सुनने को आया कि पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो रही है.
सांसद ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उन्होंने पार्टी के फैसले के बारे में उन्हें सूचना दी थी. यह पूछे जाने पर कि साल 2019 और अब के फैसले में क्यों अंतर है. ललन सिंह ने कहा कि इस पर बोलने के लिए वह अधिकृत नहीं है.
ललन सिंह ने कहा कि साल 2019 में राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए नीतीश कुमार ने जो फैसला किया था, पार्टी उसके साथ थी और अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर आरसीपी सिंह ने जो फैसला किया है, वह पार्टी का फैसला है. उनकी नाराजगी की बाबत सवाल किए जाने पर ललन सिंह ने कहा कि उन्हें किस बात की नाराजगी रहेगी.
ललन सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भले ही नाराजगी नहीं जताई हो लेकिन उन्होंने एक बार जरूर स्पष्ट कर दिया कि आरसीपी सिंह ने पार्टी के नेताओं से मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर कोई चर्चा नहीं की. सीधे अपने फैसले के बारे में जानकारी दी.