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22-May-2020 08:58 AM
JAMUI : लॉकडाउन में सभी को घर पहुंचने की जल्दी मची है। लाखों की संख्या में रोजाना प्रवासी मजदूर बिहार पहुंच रहे हैं। लेकिन कभी-कभी घर पहुंचने की जल्दबाजी और देर करवा देती है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का सबब बन जाती है। कुछ ऐसा है बिहार से झारखंड तक के इस सफर में । अब ये तो आप पढ़ने के बाद खुद तय करेंगे आखिर लापरवाही किसकी है यात्रियों की या फिर रेलवे की।
पूरी कहानी मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन से शुरू होती है जो झाझा पहुंचने के बाद परवान चढ़ जाती है। दरअसल मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन से दक्षिण भारत को खाली जाने वाली ट्रेन की एक रैक में कटिहार के कई यात्री सवार हो गए। उन्हें अपनी गलती का अहसास काफी देर बाद हुआ जब ट्रेन झाझा पहुंच गयी। इसके बाद यात्रियों को जबतक पता चलता और वे उतर पाते ट्रेन जसीडीह की ओर बढ़ चुकी थी।
ट्रेन में सवार कटिहार जाने वाले यात्रियों ने इसके बाद हंगामा शुरू कर दिया। झाझा स्टेशन पर यात्रियों ने हंगामा किया तो फिर रेलवे को भी पता चला कि कटिहार के सैकड़ों यात्री इस ट्रेन पर सवार हैं। इसके बाद तो रेलवे के हाथ-पांव फूल गये करें तो क्या करें। दरअसल मुजफ्फरपुर स्टेशन पर दो ट्रेनों के एक साथ लगी होने की वजह से ये सब कुछ हुआ। एक ट्रेन को वहां से कटिहार को जाना था जबकि दूसरी को खाली हाल में अपने गंतव्य को लौटना था। ऐसे में कटिहार वाले यात्री गलती से खाली ट्रेन में सवार हो गये। खाली लौटने वाली रैक के कुछ दरवाजे को छोड़ बाकी सभी बोगियों के दरवाजे और खिड़कियां बंद रहती हैं ऐसे में इनके सवार होने की बात ट्रेन के मुजफ्फरपुर से झाझा और जसीडीह पहुंच जाने तक किसी को पता नहीं चल पाई।
खैर इतना कुछ होने के बाद अब बारी रेलवे की थी। आसनसोल रेल डिवीजन द्वारा इस ट्रेन को वापस बरौनी की ओर लौटाए जाने का फैसला लिया गया। लेकिन इस फैसले पर ड्यूटी पर तैनात रेलकर्मी नाराज हो गये। फिर दानापुर डीआरएम के आदेश पर करीब चार घंटे बाद झाझा ने ट्रेन को वापस लेते हुए आगे बरौनी की ओर रवाना कर दिया गया।