MUZAFFARPUR: HAM के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक, संतोष सुमन बोले..विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बनाया जाएगा मजबूत BIHAR: ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के आरोप में 2 इंजीनियर सस्पेंड, अन्य पर भी गिरेगी गाज Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार से 5 लाख की लूट, बहन की शादी के लिए कर्ज लेकर जा रहा था घर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट रखने की मांग, युवा चेतना के संयोजक ने नागरिक उड्डयन मंत्री से की मुलाकात TCH एदुसर्व ने किया ऐलान: BPSC TRE-4.0, CTET और STET के लिए नए बैच की शुरुआत, सीमित सीटें, जल्द कराए नामांकन गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड CHAPRA: शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देने घर पहुंचे VIP के प्रतिनिधिमंडल, परिजनों से मिलकर हरसंभव मदद का दिया भरोसा BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल
1st Bihar Published by: Updated Thu, 03 Sep 2020 02:06:41 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: कल बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एनडीए में जाने का एलान कर दिया। मांझी के इस फैसले पर उनकी पार्टी के कई नेताओं ने असहमति जतायी। मांझी की पार्टी से नालंदा से लोकसभा का चुनाव लड़े अशोक आजाद और औरंगाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले जेडीयू के पूर्व एमएलसी और हम के कार्यकारी अध्यक्ष उपेन्द्र प्रसाद ने बगावत कर दी और कहा कि हम एनडीए के साथ नहीं जाएंगे। इसके बाद ‘हम’ ने इन दोनों बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई, उन्हें यह कहते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया कि ये लोग लालू के एजेंट की भूमिका में थे और लालू के कहने पर हीं ‘हम’ ने उन्हें टिकट दिया था।
इस बयान पर आरजेडी ने पलटवार किया है और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को कठपुतली बता दिया है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जब वे एनडीए में थे तो उनका टिकट पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार बांट रहे थे। महागठबंधन में आए तो कहा कि लालू के कहने पर टिकट बांटा अब जब फिर नीतीश कुमार के साथ गये हैं तो उन्हीं के इशारे पर टिकट बांटेंगे। लोकतंत्र में नेताओें की असली पतवार जनता होती है मांझी की पतवार जनता ने पकड़ने से इनकार कर दिया।
महागठबंधन ने लोकसभा चुनाव में मांझी के हाथों में पतवार थमायी लेकिन उन्होंने नाव डूबा दिया। अब एनडीए में गये हैं तो एनडीए की नाव डुबाएंगे। मांझी का अपना कोई वजूद नहीं है। 2015 में एनडीए के सवार पर रहते हुए चुनाव हार गये। एक बार फिर वे डूबने वाले नाव पर सवार हैं। हमने उनको खूब सम्मान दिया। उनके बेटे के विधानपार्षद बनाया। न वे नीतीश के हुए न हीं आरजेडी के हुए। राजनीति में धैर्य होना जरूरी है।