कश्मीर फाइल्स देखने के बाद रोने लगे गिरिराज सिंह, कहा-ये फिल्म नहीं होती तो देश इस वीभत्स हकीकत को नहीं जान पाता

कश्मीर फाइल्स देखने के बाद रोने लगे गिरिराज सिंह, कहा-ये फिल्म नहीं होती तो देश इस वीभत्स हकीकत को नहीं जान पाता

DESK: बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह दिल्ली के सिनेमाघर में ही रोने लगे. फिल्म देखने के बाद सिनेमाघर से बाहर निकले गिरिराज सिंह कुछ बोल नहीं पा रहे थे. उनकी आंखों से आंसू बह रहा था. गिरिराज सिंह बोले-ये फिल्म नहीं होती तो हम उस वीभत्स हकीकत को पूरी तरह जान नहीं पाते जो कश्मीर में हुआ था. गिरिराज सिंह ने कहा कि ये फिल्म नहीं बनती तो देश के लोग कश्मीर का सच नहीं जान पाते. मीडिया से बात करने के दौरान उनकी आंखों से लगातार आंसू बहते रहे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिल्म बनाने वालों को इसे गांव-गांव में ले जाकर लोगों को दिखाना चाहिये. 


मंगलवार की देर रात गिरिराज सिंह दिल्ली के एक सिनेमाघर में फिल्म द कश्मीर फाइल्स देखने पहुंचे थे. बाद में जब वे थियेटर से बाहर निकले तो आंखें आंसू से भरी थी. मीडिया के लोगों ने घेरा और प्रतिक्रिया देने को कहा तो गिरिराज कुछ देर तक कुछ बोल नहीं पाये. उन्होंने कहा कि ये फिल्म नहीं हकीकत है


इस फिल्म के निर्माताओं ने देश को कश्मीर की हकीकत बतायी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 90 के दशक में कश्मीर में जो हो रहा था उसके बारे में अखबारों में पढ़ते थे लेकिन ऐसी वीभत्स घटनायें हुई थीं ये पता नहीं था. जिन्होंने ये फ़िल्म बनाई है, उन्हें गांव-गांव में लोगों को इसे दिखाना चाहिए, तभी पूरा देश सच जान पायेगा. 


गौरतलब है कि डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर पिछले कई दिन से पूरे देश में चर्चा हो रही है. राजनेताओं और प्रबुद्ध लोगों का एक तबका ये कह रहा है कि द कश्मीर फाइल्स से देश में सांप्रदायिक तनाव फैलेगा और समाज में दूरियां बढ़ेंगी. लिहाजा इसे बैन कर देना चाहिये.


वहीं, भाजपा और बुद्धिजीवियों का एक दूसरा तबका इस फिल्म के समर्थन में खड़ा है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी द कश्मीर फाइल्स का समर्थन किया है. प्रधानमंत्री ने मंगलवार को ही कहा था कि कश्मीर फाइल्स की चर्चा चल रही है और जो लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के झंडे लेकर चलने के दावे करते हैं वे पिछले 5-6 दिन से बौखलाए हुए हैं. पीएम ने कहा कि उनकी रूचि उस फिल्म में नहीं है बल्कि वे चाहते हैं कि जो सत्य है, उसे सही स्वरूप में सबके सामने लाने से ही देश की भलाई होती है.