DESK: कर्नाटक की राजनीति ने एक बार फिर से करवट लेती नजर आ रही है। सोमवार को बीएस. येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। येदियुरप्पा की सरकार बने आज दो साल पूरे हुए हैं। कर्नाटक की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गयी है। ऐसे में अब हर किसी की नजर इस बात पर है कि अब बीजेपी कर्नाटक की कमान किसे सौंपती है। इस्तीफे के दौरान येदियुरप्पा रो पड़े और कहा कि उन्होंने हमेशा अग्निपरीक्षा दी है।
सरकार के दो साल पूरे होने पर येदियुरप्पा विधानसभा में भाषण दे रहे थे। येदियुरप्पा ने इस दौरान कहा कि उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। इसके बाद वह राज्यपाल के आवास पहुंचे जहां राज्यपाल के समक्ष अपना इस्तीफा सौंपा। गवर्नर से मुलाकात के बाद निकले येदियुरप्पा ने कहा कि मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
इससे पहले बीएस येदियुरप्पा ने पुराने दिन याद करते हुए भावुक अंदाज में कहा कि 'जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने मुझे केंद्र में मंत्री बनने को कहा था लेकिन मैंने कर्नाटक में रहना चुना।' गौरतलब है कि बीएस. येदियुरप्पा ने रविवार को ही मुख्यमंत्री पद छोड़ने का संकेत दे दिया था।
बीएस येदियुरप्पा ने ऐलान किया कि इन दो वर्षों में मुझे राज्य के लिए ज्यादा काम करने का मौका नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते बहुत सी चीजें थम गई हैं और ज्यादा काम का मौका ही नहीं मिल पाया। इस बीच बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने राज्य के प्रभारी अरुण सिंह से हालात पर चर्चा की है।
राज्य में नए सीएम के चुनाव के लिए जल्दी ही पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हो सकती है जो राज्य में विधायक दल की मीटिंग में हिस्सा लेंगे। इस बैठक के दौरान ही बीएस येदियुरप्पा के विकल्प के तौर पर नए सीएम का ऐलान किया जा सकता है।
बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे को लेकर बीते दो महीनों से लगातार कयास लगाए जा रहे थे लेकिन उनकी ओर से कई बार इसे खारिज किया जा चुका था। हालांकि पिछले सप्ताह उन्होंने कहा था कि वीकेंड तक कोई बड़ा संदेश हाईकमान की ओर से आ सकता है।
इससे यह माना जा रहा था कि सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर येदियुरप्पा को कर्नाटक की कुर्सी खाली करने का संदेश मिल सकता है और आज येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया।