1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 17 Aug 2024 07:27:08 PM IST
- फ़ोटो
DESK: कर्नाटक के CM सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। अब इनके खिलाफ जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में केस चलेगा। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने इसकी मंजूरी दी है। उन्होंने नोटिस जारी कर सिद्धारमैया से 7 दिन में जवाब देने को कहा है। बताया जाता है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मैसुर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की जमीन के मुआवजे के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का आरोप है।
मैसुर शहरी विकास प्राधिकरण घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की गई है। एक्टिविस्ट टी. जे. अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा ने आरोप लगाया है कि MUDA के अधिकारियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री ने धोखाधड़ी से महंगे साइट्स को हासिल करने के लिए फर्जी कागजात लगाये थे। लेकिन कर्नाटक के सीएम ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जब वो 2014 में मुख्यमंत्री थे तब पत्नी ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था।
तब उन्होंने पत्नी से कहा था कि जब तक मैं मुख्यमंत्री हूं तब तक मुआवजे के लिए आवेदन वो ना करे। सीएम ने आगे कहा कि 2020-21 में जब बीजेपी की सरकार थी तब उनकी पत्नी को मुआवजे की जमीन आवंटित की गई थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी उन पर झूठे आरोप लगा रही है। बता दें कि अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 1992 में रिहायशी इलाकों को विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले जमीन मालिकों को विकसित जमीन में 50 प्रतिशत साइट दिया गया।
सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास मैसुर जिले के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट किया था। इस जमीन के बदले 2022 में बसवराज बोम्मई सरकार ने सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को साउथ मैसुर के पॉश इलाके में 14 साइट्स दिए थे। MUDA की ओर से सिद्धारमैया की पत्नी को मुआवजे के तौर पर मिले विजयनगर के प्लॉट की कीमत केसारे गांव की उनकी जमीन से बहुत ज्यादा है। मैसुर शहरी विकास प्राधिकरण घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की गई है। एक्टिविस्ट टी. जे. अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा ने आरोप लगाया है कि MUDA के अधिकारियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री ने धोखाधड़ी से महंगे साइट्स को हासिल करने के लिए फर्जी कागजात लगाये थे।