SAHARSA : कोरोना महामारी के बीच सहरसा में रेल टिकटों की कालाबाजारी का धंधा भी जोरों पर है और इसका शिकार गरीब तबके के मजदूर बनते हैं जो रोजी रोजगार की तलाश में अन्य राज्य जाने के लिये टिकट लेते हैं और वो ठगी का शिकार बन जाते हैं. ऐसा ही एक मामला सहरसा जंक्शन पर सामने आया, जहां सहरसा से नई दिल्ली जाने वाली वैशाली एक्सप्रेस के नाम पर तीन यात्रियों से एजेंट ने 1065 की जगह 5600 रुपए वसूले. बदले में यात्रियों को एक ही पीएनआर पर तीन टिकट जारी कर वेटिंग काउंटर का टिकट थमा दिया.
दरअसल, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब तीनों यात्री ट्रेन पकड़ने प्लेटफार्म पर पहुंचे तो चेकिंग के दौरान वेटिंग काउंटर पर टिकट पकड़े गए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों यात्रियों से पूछताछ की, जिसमें एजेंट के नाम का खुलासा हुआ. धंधेबाजों का शिकार बने राजकुमार महतो की मानें तो प्रशांत रोड स्थित रेलवे आरक्षण केंद्र टिकट लिये थे. उसने निर्धारित शुल्क से ज्यादा वसूल कर टिकट कंफर्म करवाने बात कही पर यहां टिकट चेकिंग के दौरान टिकट दलाल फरार हो गया फिर हमलोगों ने आरपीएफ के पास शिकायत किये.
वहीं आरपीएफ सहायक इंस्पेक्टर श्री निवास ने बताया कि तीनों पीड़ित यात्रियों के नाम राजकुमार महतो, चंदन महतो और विजय महतो हैं. जो दिल्ली जाने के लिये प्रशांत सिनेमा रोड में चंदन भगत जो रेल टिकट एजेंट है. रेलवे आरक्षण केंद्र के नाम से उसकी दुकान है. उसी जगह से इनलोगों ने टिकट खरीदा था जिसे टिकट दलाल चंदन भगत ने इससे ज्यादा पैसा लेकर वेटिंग टिकट थमा दिया. जिसका ट्रेन पकड़ने स्टेशन पहुंचे यात्रियों का टिकट चेकिंग के दौरान पकड़ाने पर खुलासा हुआ.
तत्काल इनलोगों ने रेलवे सुरक्षा पोस्ट पर लिखित शिकायत की. जिसके शिकायत पर आरपीएफ द्वारा तत्काल तफ्तीश शुरू कर दी है. वास्तव में एक तरफ कोरोना संकट दूसरी तरफ गरीबी बेरोजगारी से जूझ रहे प्रवासी मजदूर जो रोजी रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं, उसे भी रेलवे टिकट दलाल चुना लगाने से बाज नही आ रहे है।जरूरत है ऐसे दलालों पर सख्त कार्रवाई की.