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1st Bihar Published by: Updated Thu, 29 Sep 2022 07:39:58 PM IST
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PATNA: सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में उपेंद्र कुशवाहा बुरे फंसे हैं। जनता दल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। MP-MLA कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
गौरतलब है कि एमपी-एमएलए कोर्ट ने बीते 29 अगस्त को ही उपेंद्र कुशवाहा की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था लेकिन वैशाली की महनार पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। जिसके बाद इसकी रिपोर्ट 15 अक्टूबर को मांगी गयी है।
सरकारी काम में बाधा डालने का 2019 यह मामला पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र से जुड़ा है। उस वक्त कुशवाहा आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। 2 फऱवरी 2019 को पार्टी के मार्च कार्यक्रम में वे शामिल हुए थे। इस दौरान डाकबंगला चौराहे को जाम कर दिया गया था। तब उन पर रोड जाम करने, तोड़फोड़ करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगा था। जिसके बाद उनके खिलाफ कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया गया था।
यह पूरा मामला राजधानी के कोतवाली थाने से जुड़ा मामला है। उस वक्त उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। 2 फरवरी 2019 को आयोजित पार्टी के विरोध प्रदर्शन मार्च में वे शामिल हुए थे। तब डाकबंगला चौराहा को जाम किया गया था। उपेंद्र कुशवाहा पर तोड़फोड़, रोड जाम और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया गया।
उपेंद्र कुशवाहा और उनकी पार्टी के सदस्य अरविंद कुमार को नामजद बनाया गया था जबकि करीब 300 अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज हुआ। कुशवाहा को 8 माह पहले ही एंटी सिपेट्री बेल मिला था जिसके बाद वो कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तब कोर्ट ने 50 हजार रुपया जुर्माना लगाया पर जुर्माने की राशि भी उन्होंने कोर्ट में जमा नहीं की। अब इस मामले में 15 अक्टूबर को रिपोर्ट मांगी गयी है। ऐसे में उपेन्द्र कुशवाहा पर गिरफ्तारी की तलवार लटकटी दिख रही है।