PATNA: केंद्रीय गृह मंत्री मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद बिहार की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। जेडीयू ने शाह के दौरे को लेकर जोरदार हमला बोला है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि केंद्र की सरकार ने देश के लिए क्या किया अमित शाह पहले इसको देश की जनता से बताएं। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने 2015 के चुनाव में भी भविष्यवाणी की थी, बोलती बंद हो गई थी। जुमलेबाजों के पास कोई काम नहीं है, इन्हें सिर्फ अपना प्रचार करना आता है।
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अमित शाह के दौरे को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। अमित शाह के यह कहने पर की 2024-25 के चुनाव में महागठबंधन का खाता नहीं खुलेगा, इसपर ललन सिंह ने कहा कि अमित शाह ने 2015 के लोकसभा चुनाव में भी भविष्यवाणी किया था कि वोटों की गिनती शुरू होने के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और बीजेपी की सरकार बनेगी लेकिन चुनाव के जब नतीजे आए तो बीजेपी के लोगों की बोलती बंद हो गई।
ललन सिंह ने अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि जुमलेबाजों के बारे में क्या कहना है, जुमलेबाज जब चाहे जुमला बना लेते हैं। बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान सरकार बना रहे थे, क्या हुआ। ये सब जुमलेबाज हैं इनके पास कोई काम नहीं है, इनको सिर्फ अपना प्रचार करना है। उनका एक ही काम है कि देश में कैसे सांप्रदायिक सदभाव खराब किया जाए और कैसे धार्मिक उन्माद फैलाया जाए। इससे उन्हें कोई फायदा नहीं मिलने वाला है और 2024 में उनकी दुकान बंद होने वाली है।
उन्होंने कहा कि बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने से पहले दिल्ली की कानून व्यवस्था के बारे में बताएं। पहले दिल्ली के क्राइम से बिहार के क्राइम की तुलना कर लें उसके बाद कुछ बोलें। देश के गृह मंत्री हैं तो बिहार के लोगों को देश के बारे में बताएं कि इतने सालों में देश के लिए क्या काम किए। 2014 से 2023 तक देश के लिए क्या किए अमित शाह को यह बताना चाहिए। ललन सिंह ने कहा कि संसद में केंद्र सरकार की दो ही योजना को लेकर आजतक भाषण सुने हैं। उज्जवला योजना और आयुष्मान भारत योजना का लाभ कितने लोगों को मिला इसका डाटा पेश करना चाहिए।
ललन सिंह ने कहा कि देश में 81 हजार करोड़ का फ्रॉड हुआ लेकिन केंद्र सरकार इसपर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री को देश की जनता को बताना चाहिए कि हजारों करोड़ का फ्रॉड हुआ या नहीं हुआ, अगर हुआ है तो उसकी जांच कराने की जिम्मेवारी उन्हीं की सरकार की है।