जज साहब ही नियम तोड़ रहे हैं: पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका, रिटायरमेंट के बाद भी सरकारी बंगले में काबिज हैं हाईकोर्ट के कई जज

जज साहब ही नियम तोड़ रहे हैं: पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका, रिटायरमेंट के बाद भी सरकारी बंगले में काबिज हैं हाईकोर्ट के कई जज

PATNA: पटना हाईकोर्ट में दायर की गयी एक जनहित याचिका में जज साहबों के कानून तोड़ने पर लोग लगाने की गुहार लगायी गयी है। जनहित याचिका में कहा गया है कि पटना हाईकोर्ट से रिटायर होने वाले कई जज कानून तोड़ रहे हैं। उनसे कानून का पालन कराया जाये। 


जजों के खिलाफ वकील की याचिका

पटना हाईकोर्ट में ये याचिका वकील दिनेश कुमार ने दायर किया है. दिनेश सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि पटना हाईकोर्ट से रिटायर होने वाले कई जज रिटायरमेंट के काफी समय बाद भी उन सरकारी बंगलों में काबिज हैं जो उन्हें जज होने के कारण मिला था. याचिका में उन जजों के नाम भी दिये गये हैं।


याचिका दायर करने वाले वकील ने कहा है कि रिटायर जज दिनेश कुमार सिंह, श्रीमती अंजना मिश्रा, प्रकाश चंद्र जायसवाल और आदित्य कुमार त्रिवेदी ने सेवानिवृत्ति के बाद भी सरकारी बंगला खाली नहीं किया है. हाईकोर्ट से गुहार लगायी गयी है कि उन बंगलों को तुरंत खाली कराया जाये।


कोर्ट में याचिका दायर करने वाले वकील दिनेश कुमार ने कहा है कि हाईकोर्ट राज्य सरकार को ये आदेश दे कि वह रिटायर जजों से सरकारी बंगले खाली कराये. इसके साथ ही सरकार रिटायर जजों से नियमों के तहत जुर्माना भी वसूले. रिटायरमेंट के बाद जितने समय तक जज बंगले में रहे उसका किराया, बिजली बिल औऱ दूसरे चार्ज वसूले जायें. 


रिटायरमेंट के बाद एक महीने तक ही सुविधा

याचिकाकर्ता ने कहा है कि सरकारी नियमों के मुताबिक हाई कोर्ट के जज रिटायरमेंट के बाद एक महीने तक सरकारी बंगले में रह सकते हैं. एक महीने से ज्यादा वे सरकारी बंगले में नहीं रह सकते हैं. हाईकोर्ट में दायर याचिका में इसके लिए हाई कोर्ट जजेज रूल्स, 1956 के रूल्स 2 ए और 2 सी का हवाला दिया गया है. याचिका में कहा गया है कि नियत समय से ज्यादा दिनों तक सरकारी बंगले में रहकर रिटायर जजों ने हाई कोर्ट जजेज रूल्स का उल्लंघन किया है. ऐसे में इसी नियम उनसे किराया औऱ दूसरे खर्च लिये जाने चाहिए।