‘शराबबंदी के नाम पर गरीबों को सताया जा रहा, समीक्षा करें नीतीश’ मांझी ने फिर से उठा दी अपनी पुरानी मांग

‘शराबबंदी के नाम पर गरीबों को सताया जा रहा, समीक्षा करें नीतीश’ मांझी ने फिर से उठा दी अपनी पुरानी मांग

SASARAM: हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने एक बार फिर से अपनी पुरानी मांग उठा दी है। रोहतास के सासाराम पहुंचे मांझी ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर बिहार में गरीबों को सताया जा रहा है। शराबबंदी अच्छी चीज है लेकिन उसके प्रावधानों में सुधार की जरुरत है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि वह एक बार फिर से शराबबंदी की समीक्षा करें।


दरअसल, सासाराम पहुंचे जीतनराम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी पर सवाल खड़े किए हैं तथा कहा है कि शराबबंदी के नाम पर गरीबों को सताया जा रहा है। शराबबंदी के चलते विषैला शराब का निर्माण अधिक हो रहा है। सरकार ने शराबबंदी की जब तीसरी बार समीक्षा की तो यह निर्णय लिया गया कि शराब पीने के परपस से अगर कोई शराब ले कर जा रहा है, तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा लेकिन फिर भी गिरफ्तारी हो रही है। 


उन्होंने सासाराम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कानून बना है, लेकिन कानून को सही तरीके से धरातल पर नहीं उतारा जा रहा है। वह सासाराम में पिछले महीने के 31 अगस्त को लोग जनशक्ति पार्टी रामविलास के कार्यकर्ता सरोज पासवान की हत्या के बाद उनके परिजनों से मिलने पहुंचे थे। बाद में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि शराबबंदी अच्छी चीज है, शराब नहीं पीना चाहिए। 


मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून में जो विकृतियों हैं, उसे दूर करना जरूरी है। क्योंकि शराब बनाने की एक प्रक्रिया है, जिसमें हफ्ते लग जाते हैं लेकिन धंधेबाज मात्र एक घंटे में शराब बना रहे हैं। ऐसे में वह शराब ज्यादा नुकसानदायक है। जो खासकर गरीबों के जीवन को बर्बाद कर रही हैं। उन्होंने सरकार से शराबबंदी कानून की पुनः समीक्षा की मांग की है।