PATNA : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी एके बार फिर से अपने दामाद की किस्मत चमकाने की जुगाड़ में लगे हुए हैं. परिवाद की राजनीति को नकारने वाले जीतन राम मांझी बेटे संतोष मांझी को एमएलसी बनाने के बाद अब दामाद देवेंद्र मांझी को विधायक बनाना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने अपनी पसंदीदा सीट का भी चयन कर लिया है, जहां से वह खुद पिछली बार चुनाव में शिकस्त खा चुके हैं.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी अपने दामाद देवेंद्र मांझी को जहानाबाद के मखदुमपुर विधानसभा सीट से मैदान में उतारना चाहते हैं. मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र के एक निजी हॉल में अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में उन्होंने अपने दामाद देवेंद्र मांझी को विधानसभा भेजने की अपील की. हालांकि आपको बता दें कि पिछली बार 2015 के विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी खुद इस सीट पर बुरी तरह हारे थे.
मखदुमपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान परिवारवाद के सवाल पर मांझी ने कहा कि सभी पार्टियां यही कर रही हैं. अगर हमने भी किया तो क्या गलत है ? लोजपा पर डायरेक्ट निशाना साधते हुए कहा कि लोजपा में भी एक ही परिवार से जुड़े कई लोग राजनीति में है. आरजेडी में भी परिवारवाद है.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता देवेंद्र मांझी बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की दूसरी पत्नी की सबसे बड़ी बेटी के पति हैं. जब मांझी सीएम बने थे तह इनके दामाद विवादों में सामने आये थे. मुख्यमंत्री बन जाने के बाद बिहार सरकार के नियमों का उल्लंघन कर मांझी ने अपने दामाद को पीए बनाया था. सीएम बनने से पहले जब मांझी मंत्री हुआ करते थे, तब 2006 से ही उन्होंने अपने दामाद को निजी सहायक बनाकर रखा था. इसको लेकर इनकी भारी फजीहत हुई थी.
आपको बता दें कि पिछली बार 2015 के विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी बुरी तरह मखदुमपुर विधानसभा से हारे थे. आरजेडी के सूबेदार दास ने मांझी को 26777 वोटों से हराया था. राजद उम्मीदवार सूबेदार दास मांझी से डेढ़ गुना से भी ज्यादा वोट बटोरे थे. हालांकि जीतन राम मांझी इमामगंज सीट से लगभग 29 हजार वोटों से विजयी हुए थे.