PATNA: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने 2020 के जनादेश का अपहरण कर 17 महीने राज किया, वे अगर झांकी दिखाना ही चाहते हैं, तो दिखायें कि इतने दिनों में बालू-शराब माफिया ने कितनी बार पुलिस पर हमले किये, कितने दरोगा-सिपाही ट्रैक्टर से कुचल कर मारे गए और कब-कब खनन विभाग के अफसरों को दौड़ा कर पीटा गया?
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव बतायें कि हाल में जिन लोगों ने कार्यपालक अधिकारी को पीट कर अधमरा किया था, वे किसके रिश्तेदार हैं ? वे क्या जनता को झूठी और एकतरफा झांकी दिखायेंगे? वैसे, राजद की पूरी फिल्म तो लोग उनके माता-पिता के राज में देख ही चुके हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि झांकी दिखाने वाले अपने पिछले कार्यकाल के माल-मिट्टी घोटाले का फ्लैश बैक और रेलवे की नौकरी के बदले जमीन लेने का ट्रेलर भी दिखायें। उन्होंने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में विशेष न्यायालय के संज्ञान लेने और राबड़ी देवी, मीसा यादव सहित 9 आरोपियों को कोर्ट में तीन दिन बाद ( 9 फरवरी) को उपस्थित होना है। तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि सच क्या है?
सुशील मोदी ने कहा कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के आरोप पत्र में न्यायालय के समक्ष ठोस प्रमाण रखे गए हैं, इसलिए लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को 17 महीनों में लोगों को नौकरी देने और विकासगाथा की फर्जी झांकी दिखाने के बजाय बिहार के सीने पर खून से लथपथ माफियागाथा लिखने के लिए प्रायश्चित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लालू परिवार जनता को बताये कि ये अमित कात्याल कौन है, जिसकी कंपनी ने रेलवे में नौकरी पाने वालों की कीमती जमीन मिट्टी के मोल खरीदी? सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव बताएँ कि वे इतनी कम उम्र में बिना कोई नौकरी-व्यवसाय किए दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कालोनी के 150 करोड़ के मकान डी-1088 के मालिक कैसे बन गए और कौन हैं हृदयानंद चौधरी, जिन्होंने रेलवे के ग्रुप-डी की नौकरी पाने के बदले अपनी कीमती जमीन राबड़ी देवी और हेमा यादव को गिफ्ट कर दी?
उन्होंने कहा कि एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद लालू परिवार पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है और ये लोगों का ध्यान बँटाने के लिए झाँकी-नौटंकी दिखा रहे हैं।