झूठे हैं नीतीश, जब कमजोर पड़े मुझे आरज़ू कर बुलाया: उपेंद्र कुशवाहा का सबसे बड़ा हमला, कहा-बेटे की क़सम खायें नीतीश

झूठे हैं नीतीश, जब कमजोर पड़े मुझे आरज़ू कर बुलाया: उपेंद्र कुशवाहा का सबसे बड़ा हमला, कहा-बेटे की क़सम खायें नीतीश

PATNA: पिछले कुछ दिनों से जेडीयू में छिड़ा घमासान निर्णायक मोड़ पर आ गया है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाह ने आज खुलेआम प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश कुमार को ललकारा। कहा-नीतीश कुमार का हर लाइन सफ़ेद झूठ है। जब-जब नीतीश कुमार कमजोर पड़े तब-तब मुझे आरज़ू मिन्नत कर पार्टी में बुलाया। अब कर रहे हैं कि मैं अपने मन से आता जाता हूँ। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- नीतीश कुमार अपने बेटे की क़सम खायें, मैं भी अपने बेटे की क़सम खाने को तैयार हूँ कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ । 


आप-पार के मूड  में उपेंद्र कुशवाहा 

दरअसल पिछले कुछ दिनों में नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर ढेर सारे बयान दिये हैं। नीतीश कह रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा अपने मन से पार्टी में आये थे। हमने उन्हें सम्मान दिया लेकिन वे ग़द्दार निकले अब वे जितनी जल्दी हो पार्टी छोड़ कर निकल जायें। उपेंद्र कुशवाहा ने आज नीतीश की हर बात का तीखा और सीधा जवाब दिया। उपेन्द्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कहा कि, नीतश जी आपका भी एक संतान है और मेरा भी एक बेटा है आप कसम खा कर बताइए कि पिछले 2 साल में आपने कितनी बार मुझे फ़ोन किया है, जब भी कुछ बात करने का रहा है तो मैं ही फ़ोन किया हूं , अभी आप कह रहे हैं की मुझे से आकर मिलें, आप हमारी बात सुनते हैं। आपसे जब भी कुछ बोलते हैं तो आप कहते हैं कि, भाजपा में शामिल हो रहे हैं क्या , आप ही बताएं आप से किस तरह बात किया जाएं, मैं फिर यह बात दोहराता हूं कि, यदि मैं कुछ भी गलत बोल रहा हूँ तो आप डेट तय कीजिए और आप भी अपने बेटे की कसम खाइएं और मैं भी अपने बेटे का कसम खता हूँ कौन गलत बोल रहा कौन गलत।


इसके आलावा उन्होंने कहा कि, यह बात शुरू किसने की, जब मैं दिल्ली में अस्पताल में था तब मीडिया के जरिए नीतीश जी ने कहा कि, कुशवाहा जी को बोलिए मुझे से मिलकर बात करें, यह मिलना कब चाहते हैं जो मैं उनसे मिलकर बात रखने को तैयार नहीं हूं। मैं तो कब से राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक बुलाने को कह रहा हूं, लेकिन अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष  ने एक बार भी इस पर ध्यान नहीं दिया। अगर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करें तो उस बैठक में जाकर अपनी बात रखेंगे। आरजेडी की तरफ से जो डील की बात हो रही है, वहां उसका भी खुलासा हो जाएगा। 


इसके आगे उन्होंने कहा कि, आज वो जिनके साथ है वो जब नेता प्रतिपक्ष थे तो क्या कहें थे, हम माफ़ी चाहते हुए ये बात बोलेंगे, उस समय कहा गया मुख्यमंत्री जी से विधानसभा के अंदर भाषण देते हुए तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष के तरफ से कहा गया क, आपका मुख्यमंत्री जी, नीतीश जी एक बेटा है आपका और वह भी आपका अपना है या नहीं आप ही जानते हैं।  अब इस तरह की बात सार्वजनिक है। हम कोई अलग से नहीं बबोल रहे हैं। मुख्यमंत्री जी के बारे में ऐसी बातें की गई।  मुख्यमंत्री जी को मैं अपने परिवार का हिस्सा मानता हूं, उनको कोई इस तरह से कहे कुशवाहा खुद को अपमानित महसूस करता है। इसलिए हमने उस समय ट्वीट किया था, आज मेरे ट्वीट पर कहा जा रहा है की क्यों ट्वीट करते हैं। उस समय जब हमने ट्वीट किया और कहा जिसने इस तरह की बातें कहीं यह ठीक नहीं है।  हम इस तरह की बातों को नहीं बर्दाश्त कर सकते हैं। उस समय का ट्वीट और क्या कहा है हमने निकाल कर देख सकते हैं। 

नीतीश जी ने पहले किया था फ़ोन 

2020 विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद हमारा जो मिला विलय हुआ उस समय सबसे पहला कॉल उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार से बातचीत के लिए  उपेंद्र कुशवाहा ने कि नहीं किया था बल्कि स्वयं नीतीश कुमार ने किया था। आज जो कह रहे हैं कि अपना मन से हम आए 2020 चुनाव के बाद उधर से मुख्यमंत्री जी के एक अणे मार्ग से कॉल आया और और उन्होंने मुझसे बात की अब जो कह रहे हैं कि अपना मन से आया रिकॉर्ड उठाकर देख सकते हैं। एक अणे मार्ग का कॉल डिटेल निकाल कर देखा जा सकता है कि, जिस दिन तुमसे बात हुई पहला कॉल किसके तरफ से आया था। यदि किसी को शक है तो या मालूम कर ले कि मेरे आवास या मेरे को अपना वहां फोन किया था। मुझे उनके साथ जाने की कोई जरूरत नहीं थी। सिर्फ इतना ही नहीं इस काम को लेकर उन्होंने पार्टी के 1 से 2 बड़े नेताओं को भी लगाया इसके बाद हम जेडीयू में शामिल हुए।


कुशवाहा से कहा - पार्टी संभालिए

इसके अलावा उन्होंने कहा कि, 2020 चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद को असहाय महसूस कर रहे थे। विधानसभा में किस तरह उनके खिलाफ बातचीत की गई और कोई भी मंत्री उठकर प्रतिक्रिया नहीं दिया और स्वयं मुख्यमंत्री जी को मोर्चा संभालना पड़ा और क्या-क्या मुख्यमंत्री जी बोल गया गुस्से में विधानसभा का रिकॉर्ड देखा जा सकता है। उसी दौरान उन्होंने कहा कि, मैं असहाय महसूस कर रहा हूं मुझे कितना दिन रहना है नहीं रहना है अब आप संभालिए तो फिर हम शामिल हुए।


कुशवाहा ने कहा कहा कि, अब नीतीश कुमार का यह कहना कि जब मन हुआ चले आए,  जब मन हुआ चले गए। तो यह समझ ले कि मैं चला गया या आ गया तो तो अपने मन पर नहीं  नहीं बल्कि आप के बुलावे पर। हम फिर दौड़ आएंगे कि इस संदर्भ में भी जितनी बातें कह रहे हैं अगर वह गलत है तो मुख्यमंत्री जी आप कसम का डेट तय कीजिए आपका भी एक संतान है और मेरा भी एक संतान है कसम खाइए।