झूठ बोलते हैं लालू, सुशील मोदी ने दी खुली चुनौती, कहा-आरोप साबित करेंगे तो राज्यसभा से दे दूंगा इस्तीफा!

झूठ बोलते हैं लालू, सुशील मोदी ने दी खुली चुनौती, कहा-आरोप साबित करेंगे तो राज्यसभा से दे दूंगा इस्तीफा!

DESK: BJP से राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव को यह खुली चुनौती दी है कि जो आरोप वे लगा रहे हैं यदि उसे साबित कर देंगे तो वे राज्यसभा से इस्तीफा दे देंगे। 


सुशील मोदी ने लालू पर झूठ बोलने का आरोप लगाया कहा कि गोलवलकर की किताब में दलित विरोधी बाते लिखने का जो दावा लालू कर रहे हैं यदि वह सही निकला तो राज्यसभा पद से इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने कहा कि गोयबल्स के चेले लालू प्रसाद झूठ बोलने में वर्ल्ड चैम्पियन हैं। इसलिए लालू प्रसाद यादव बिना किसी साक्ष्य के कुछ भी बोल सकते हैं।


सुशील मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक और मनीषी विचारक माधव सदाशिव गोलवलकर की पुस्तक  "बंच ऑफ थॉट्स" में दलितों और उनके काशी विश्वनाथ मंदिर प्रवेश के विरुद्ध कोई बात नहीं कही गई है। लालू प्रसाद ने  विद्वेष फैलाकर हिंदू समाज को बाँटने के लिए झूठी बात कही। 


उन्होंने कहा कि अगर लालू प्रसाद अपना आरोप साबित कर दें, तो मैं राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र सौंप दूँगा। मोदी ने कहा कि भाजपा ने पहली बार देश को अतिपिछड़ा समाज का सुयोग्य प्रधानमंत्री दिया, जबकि बाकी सभी दल उन्हें हटाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र भाई मोदी के पीएम रहते कभी आरक्षण व्यवस्था समाप्त नहीं हो सकती। लालू प्रसाद इस मुद्दे पर भी 2015 से लगातार झूठ बोल रहे हैं। 


उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने दलितों-पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना बिहार में पंचायत चुनाव कराये। वे आज भी महिला आरक्षण और सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने का विरोध कर रहे हैं। सुशील मोदी ने कहा कि जनता लालू प्रसाद का आरक्षण-विरोधी चेहरा देख चुकी है, इसलिए 2019 के संसदीय चुनाव में राजद का सूपड़ा साफ हो गया था। 


उन्होंने कहा कि भाजपा को पिछड़ों का अपार समर्थन मिल रहा है और हमारे सबसे ज्यादा सांसद इसी वर्ग से हैं। उन्होंने कहा कि आज मंडल और कमंडल , दोनों भाजपा के साथ हैं। इस व्यापक जनाधार से हताश राजद कभी अपने कोटे के मंत्री से श्रीरामचरित मानस की निंदा करा कर और कभी मंदिर प्रवेश का फर्जी मुद्दा उठाकर दलित कार्ड  खेलने की कोशिश करता है। पूर्णिया रैली भी हताशा से उबरने की नाकाम कोशिश थी।