PATNA : आरजेडी विधान पार्षदों के पाला बदलने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राजभवन पहुंचे. विषम परिस्थिति में भी पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाये रखने के लिए तेजस्वी ने सक्रियता दिखाने की पूरी कोशिश की. राजभवन पहुंचे आरक्षण को बचाने के लिए राज्यपाल को 10 सूत्री ज्ञापन सौंपा. इस दौरान तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार के ऊपर एक बार फिर से धोखा देने का आरोप लगाया है. तेजस्वी ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन में छिपकर मुख्यमंत्री यही कर रहे थे.
इस पत्र के माध्यम से तेजस्वी ने कहा कि बिहार सहित देशभर में आरक्षण और इसके विभिन्न प्रावधानों पर चौतरफा हमला किया जा रहा है. जब से एनडीए की सरकार बनी है. केंद्र सरकार और उनकी तमाम एजेंसियां आरक्षण को खत्म करने में लगी हुई हैं. तेजस्वी ने इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि एक रिपोर्ट के अनुसार 43 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एक भी ओबीसी असोसिएट प्रोफेसर या प्रोफेसर नहीं है.
तेजस्वी ने 10 सूत्री मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने एससी/एसटी के आरक्षण संबंधित धाराओं एवं प्रावधानों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह मूलरूप से समाज में सदियों से चली आ रही सामाजिक असमानता को समाप्त करने की व्यवस्था की गई है.
राजभवन पहुंचे तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 90 दिनों तक सीएम हाउस में बैठ कर यही किया है. इससे बिहार को कोई फ़ायदा नहीं हुआ है. लोगों को नहीं नीतीश कुमार को व्यक्तिगत रूप से फ़ायदा होगा. नीतीश कुमार ने फिर से धोखा किया है. 2015 में भी जनता ने पूर्ण समर्थन दिया था लेकिन सीएम नीतीश ने पलटी मार ली थी.
तेजस्वी ने कहा कि जो भी एमएलसी राजद से निकल कर जेडीयू में गए हैं, उनको शुभकामनायें हैं. तेजस्वी ने सीएम नीतीश कि एमएलसी को अपने पार्टी में शामिल करने से बिहार के लोगों को क्या लाभ होगा. नीतीश कुमार के पास न ही कोई निति है और न ही कोई सिद्धांत है.
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी कहा कि देश में और बिहार में विशेष तौर पर एससी/एसटी और ओबीसी के आरक्षण को कोर्ट के माध्यम से खत्म किया जा रहा है. समाज में जो लोग पिछड़े हुए हैं, उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने आरक्षण दया था.