झारखंड में सहायक पुलिसकर्मियों की हड़ताल खत्म, दो महीने के अंदर होगा समाधान

झारखंड में सहायक पुलिसकर्मियों की हड़ताल खत्म, दो महीने के अंदर होगा समाधान

JHARKHAND: झारखंड के 2200 से अधिक सहायक पुलिसकर्मी पिछले 37 दिनों से अपनी मांगों को लेकर रांची में आंदोलन पड़ थे। संविदा पर बहाल सहायक पुलिस कर्मी नियमितीकरण और वेतनमान में बढ़ोतरी सहित अपने आठ सूत्री मांगों को लेकर लंबे समय से मोहराबादी मैदान में धरना पर बैठे थे। आज उन्होंने हड़ताल वापस ले लिया है। उन्हें सरकार की तरफ से यह आश्वासन दिया गया है कि अगले दो महीने के भीतर उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा।


गौरतलब है कि 27 सितंबर से मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मी धरना पर बैठे थे। 2 नवम्बर को सहायक पुलिस कर्मियों के प्रतिनिधियों के साथ हर बिन्दुओं पर बातचीत की गयी। जिसमें यह फैसला लिया गया कि अगले दो माह में सभी आठ सूत्री मांगों पर विचार किया जाएगा।


जिसमें पुलिस कर्मियों की सेवा, मानदेय, राज्य स्तर पर यूनिफॉर्म सर्विस रिजर्वेशन दुर्घटनाग्रस्त होने पर शारीरिक दक्षता परीक्षण एवं चिकित्सीय परीक्षा में छूट एवं ड्यूटी के दौरान दुर्घटना होने पर मुआवजा राशि एवं जिला से बाहर प्रतिनियुक्ति पर टीए/डीए, आंदोलन के दौरान हुए केस एवं कानूनी कार्रवाई, अवकाश एवं आंदोलन की अवधि के मानदेय भुगतान के संबंध में गंभीरता पूर्वक विचार कर समाधान के लिए सक्षम प्राधिकार द्वारा यथोचित निर्णय लिया जाएगा। सहायक पुलिस कर्मियों की हड़ताल खत्म होने के बाद पुलिस कर्मी अब अपने अपने जिला में योगदान देंगे। 


वर्ष 2017 में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना के आधार पर 12 अतिनक्सल प्रभावित जिलों के लिए कुल 2500 झारखंड सहायक पुलिस की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई थी। इसकी एवज में 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया था। इसके साथ ही नियुक्ति के समय कहा गया था कि 3 वर्ष पूरे होने के बाद झारखंड पुलिस के पद पर सीधी नियुक्ति की जाएगी लेकिन अब तक इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाया गया। जिसके बाद झारखंड सहायक पुलिस के करीब 2200 कर्मी 12 जिलों से इस आंदोलन में शामिल हुए। 


इन जिलों में गढ़वा, पलामू, लातेहार,चतरा, दुमका, लोहरदगा, गिरिडीह, चाईबासा, जमशेदपुर, खूंटी, सिमडेगा और गुमला के सहायक पुलिसकर्मी शामिल हैं। स्थायीकरण की मांग को लेकर 12 जिलों के 2200 सहायक पुलिसकर्मी 12 सितंबर, 2020 से रांची के मोरहाबादी मैदान में आंदोलन किया था। उस समय 12 दिनों तक आंदोलन चला इस दौरान मंत्री के आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म हुआ था।


पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर से घंटों बातचीत के बाद सहायक पुलिस कर्मियों ने हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया था। उन्हें 2 साल का अवधि विस्तार दिया गया था। मांग पूरी नहीं होने के बाद सहायक पुलिसकर्मी 27 सितंबर 2021 से मोरहाबादी मैदान में धरना पर बैठ गये। सरकार से मिले आश्वासन के बाद उनका आंदोलन 37 दिनों बाद खत्म हो गया है।