RANCHI: झारखंड में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना जा चुका है। बुधवार की रात चंपई सोरेन ने झारखंड में सरकार बनाने का दावा करते हुए 43 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया है हालांकि, राज्यपाल की तरफ से अभी तक उन्हें न्योता नहीं मिला है, जिसको लेकर कयासों का बाजार गर्म है।
उधर, झारखंड में सियासी गहमागहमी के बीच बीजेपी में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। ऐसे में बिहार के बाद झारखंड में बड़े सियासी खेल की संभावना प्रबल हो गई है। झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी रांची पहुंच चुके हैं। बढ़ती सियासी सरगर्मी के बीच अब सियासत एक बार फिर ऑपरेशन लोटस की तरफ बढ़ती नजर आ रही है। सियासी संकट के बीच बीजेपी के एक्टिव होने के बाद हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम और कांग्रेस के साथ ही गठबंधन में शामिल अन्य दल अलर्ट हो गए हैं।
सरकार बनाने का दावा पेश करने के बावजूद राज्यपाल की तरफ से न्योता नहीं मिलने पर इंडी गठबंधन ने आगे की रणनीति तय की है। गुरुवार की शाम तक अगर राज्यपाल की तरफ से बुलावा नहीं आता है तो इंडी गठबंधन के सभी विधायकों को झारखंड से बाहर शिफ्ट कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, विधायकों को तेलंगाना या बेंगलुरू शिफ्ट किया जा सकता है। इसके लिए चार्टर प्लेन की भी व्यवस्था की गई है।
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की तरफ से किसी तरह का न्योता नहीं मिलने से इंडी गठबंधन को विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। ऐसे में विधायकों को झारखंड से बाहर ले जाने की तैयारी की गई है। तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है ऐसे में उसे सबसे सुरक्षित जगह माना जा रहा है। झारखंड में इंडी गठबंधन के 48 विधायक हैं लेकिन चंपई सोरेन ने सिर्फ 43 विधायकों का समर्थन पत्र ही राज्यपाल को सौंपा है। बाकी पांच विधायकों का समर्थन फिलहाल चंपई सोरेन को नहीं मिल सका है।