टिन की बोतल में विदेशी शराब: तस्करी के नये-नये हथकंडे अपना रहे धंधेबाज, 96 लीटर बरामद Bihar News: बिहार के AQI में जबरदस्त बढ़ोतरी के बाद IMD का अलर्ट जारी, ठंड में भी तगड़ा इजाफा तेजस्वी के कारण छिन रहा है राबड़ी देवी का बंगला: जानिये 8 साल पहले के फैसले से अब लालू परिवार का हो रहा नुकसान बिहार में जमीन रजिस्ट्री से हटे जमाबंदी नियम: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खरीद–फरोख्त और म्यूटेशन होगा आसान चौथी बार स्वास्थ्य मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद मंगल पांडेय ने किया ऐलान, कहा..पटना में बनेगा देश का सबसे बड़ा हड्डी अस्पताल पटना: बिहार इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ में डायरी का लोकार्पण, कार्यक्रम में 500 से अधिक छात्र-छात्राओं ने लिया भाग बिहार में नई सरकार बनते ही छीन गया तेजप्रताप से बंगला, BJP कोटे के मंत्री को हुआ अलॉट अनंत सिंह के नाम पर 2 करोड़ रंगदारी मांगने वाले 3 बदमाशों को पटना पुलिस ने दबोचा, 48 घंटे में इस साजिश का हुआ खुलासा रांची में सुकृष्णा कॉमर्स एकेडमी का नया सेंटर शुरू, छात्रों को शहर में ही बेहतरीन कॉमर्स शिक्षा का मिलेगा अवसर: आदित्य साहू नई सरकार बनते ही लालू परिवार पर गिरी बड़ी गाज, 20 साल पुराना बंगला छीना गया, जारी हो गया आदेश
1st Bihar Published by: Updated Mon, 30 Dec 2019 05:40:56 PM IST
- फ़ोटो
RANCHI: हेमंत सोरेन ने सीएम पद की शपथ लेने के दूसरे दिन ही प्रशासनिक बदलाव शुरू कर दिया हैं. रघुवर दास के कार्यकाल में सीएम के सचिव रहे सुनील कुमार वर्णवाल का ट्रांसफर कर दिया हैं. सुनील को कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग में भेज दिया है. आज इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई.
रघुवर के करीबी
सुनील रघुवर के सीएम रहने के दौरान उनके सचिव थे. लेकिन सरकार बदलते सबसे पहले उनका तबादला कर दिया गया हैं. बताया जा रहा है कि वह रघुवर के करीबी थे और रघुवर के सत्ता से बेदखल होने के बाद सबसे पहले उन पर ही गाज गिरी हैं.
तबादला का दौर होगा शुरू
सुनील के साथ ही झारखंड में तबादला का दौर शुरू हो जाएगा. क्योंकि झारखंड में हेमंत सरकार अब अपने हिसाब से जिलों में एसपी और डीएम और विभागों में अधिकारियों को रखेगी. इसलिए पुराने विभागोंं के सचिवों का भी तबाादला आज न कल होना तय हैं. बता दें कि हेमंत सोरेन ने रविवार को ही झारखंड के सीएम पद की शपथ ली थी. शपथ लेने के बाद ही पहले ही दिन कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसला लिया था. इसमें सबसे बड़ा फैसला लिया गया कि पत्थलगड़ी से जुड़े सभी केस को वापस ले लिया जाएगा. इसको लेकर खूंटी में कई लोगों पर केस दर्ज हुआ था. पत्थलगड़ी से जुड़े लोग अलग देश बनाने की मांग कर रहे थे. इसको लेकर प्रदर्शन हुआ था. जिसमें सैकड़ों लोगों पर केस दर्ज हुआ था. यही नहींं पत्थलगड़ी समर्थकों ने तत्कालीन सांसद करिया मुंडा के बॉडीगार्ड को भी अगवा कर लिया था. इसके अलावे पारा शिक्षक और आंगनबाड़ी सेविका का वेतन जल्द करने का निर्देश दिया था.