KISHANGANJ : पिछले दिनों झारखंड के मुस्लिम बहुल इलाके में एक सरकारी स्कूल में प्रार्थना में बदलाव और हाथ जोड़कर प्रार्थना के नियम को बदल दिया गया था। इसके बाद राज्य के करीब एक सौ स्कूलों में रविवार के बदले शुक्रवार को छुट्टी देने की बात भी सामने आई थी। झारखंड के बाद अब बिहार के मुस्लिम बहुल जिले किशनगंज से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के 19 सरकारी स्कूलों में मदरसा राज चलता है। इन स्कूलों में बिना किसी सरकारी आदेश के रविवार के बदले शुक्रवार को छुट्टी रहती है और रविवार को स्कूलों में पढाई होती है।
जानकारी के मुताबिक इन स्कूलों में मुस्लिम समुदाय के छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण लंबे समय से यह परंपरा चली आ रही है। जिले के 19 ऐसे स्कूल हैं, जहां शुक्रवार को छुट्टी रहती है और रविवार को पढ़ाई। जिसमें शहर के लाइन उर्दू स्कूल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय लाइन कर्बला, उत्क्रमित मध्य विद्यालय महेशबथना, मध्य विद्यालय हालामाला और प्राथमिक स्कूल मोतिहारा वेस्ट समेत कई स्कूल शामिल हैं।
सभी 19 स्कूल उर्दू नहीं बल्कि सामान्य स्कूल हैं। बताया जा रहा है कि मुस्लिम छात्रों की संख्या अधिक रहने के कारण स्थापना काल से ही इन स्कूलों में शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए छुट्टी रहती है। किशनगंज पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने इस पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा को जाति और धर्म से अलग रखना चाहिए। उन्होंने कहा है कि स्कूलों में धर्म के आधार पर छुट्टी देना कहीं से भी उचित नहीं है।
पूरे मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता ने बताया कि पुरानी परंपरा के मुताबिक अल्पसंख्यक क्षेत्र के स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी रहती है जबकि रविवार को स्कूल संचालित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों की तरह इन स्कूलों को भी सामान्य रूप से संचालित करने को लेकर वरीय अधिकारियों से बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्थापना काल से ही इन स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी रहती है। सरकार से इस संबंध में कोई आदेश नहीं मिला है।