कुशवाहा का सबसे बड़ा हमला: JDU नीतीश की पार्टी नहीं.. शरद यादव को भगाकर कब्जा जमा लिया

कुशवाहा का सबसे बड़ा हमला: JDU नीतीश की पार्टी नहीं.. शरद यादव को भगाकर कब्जा जमा लिया

PATNA: उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जेडीयू में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ललन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल चुके कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। कुशवाहा ने कहा है कि जेडीयू नीतीश कुमार की पार्टी नहीं है बल्कि शरद यादव ने जेडीयू को बनाया था। नीतीश ने अपनी समता पार्टी को जेडीयू में विलीन किया था। इसके बाद जिस शरद यादव ने जेडीयू को बनाया उन्हीं को भगाकर कब्जा कर लिया।


उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जेडीयू किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है बल्कि करोड़ों लोगों की पार्टी है। कोई एक व्यक्ति दावा करे कि जेडीयू उसकी पार्टी है तो यह कहीं से भी सही नहीं है। कुशवाहा ने साफ शब्दों में कह दिया कि जेडीयू नीतीश कुमार की नहीं बल्कि शरद यादव की पार्टी है। नीतीश कुमार की पार्टी बनी थी उसका नाम समता पार्टी था और जेडीयू को शरद यादव ने बनाया था। नीतीश कुमार ने जेडीयू में समता पार्टी को विलीन किया था। इसके बाद शरद यादव को भगाकर जेडीयू पर कब्जा कर लिया गया। जेडीयू नीतीश कुमार की पार्टी नहीं है।


उन्होंने कहा कि बैठक के बारे में कौन क्या बोल रहा है उसकी चिंता उपेंद्र कुशवाहा नहीं करता है। एक बड़े मकसद को लेकर बैठक बुलाई गई है। आरजेडी से डील की जो चर्चा हो रही है, अगर उस डील में किसी तरह की सच्चाई है तो बिहार के लोग उसे स्वीकार करने वाले नहीं हैं। जेडीयू से जुड़े हुए बिहार के करोड़ों लोग इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। पार्टी के भविष्य को लेकर लोगों के मन में चिंता है। पार्टी के जिन लोगों को इसकी चिंता है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो जेडीयू बर्बाद हो जाएगी। पार्टी को बर्बादी से बचाने की चिंता रखने वाले लोगों को बैठक में बुलाया है। मकसद बड़ा है इसलिए कौन क्या बोलता है इसका कोई मतलब नहीं है।


वहीं ललन सिंह के यह कहने पर कि उपेंद्र कुशवाहा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष नहीं हैं, इसपर उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश कार्यालय की तरफ से जो भी रिलीज और सर्कुलर जारी हुए हैं उसमें बार बार लिखा गया है कि उपेंद्र कुशवाहा पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि लिखित रूप में तो उन्हें पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष माना जा रहा है लेकिन मौखिक रूप से कहा जा रहा है कि अध्यक्ष नहीं हैं। हमने यही बात कही थी कि कागज में इन लोगों ने पद तो दे दिया लेकिन झुनझुना थमा दिया। ललन सिंह ने बयान देकर साबित कर दिया है कि मुझ झुनझुना थमाया गया है।