जेडीयू नेता दीपक मेहता हत्याकांड का खुलासा: जमीन विवाद में हुई थी हत्या, चार अपराधियों को पटना पुलिस ने किया गिरफ्तार

जेडीयू नेता दीपक मेहता हत्याकांड का खुलासा: जमीन विवाद में हुई थी हत्या, चार अपराधियों को पटना पुलिस ने किया गिरफ्तार

PATNA: पटना पुलिस ने जदयू नेता दीपक मेहता हत्याकांड का खुलासा कर लिया है। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल शूटर समेत चार अपराधियों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने दीपक मेहता की हत्या में इस्तेमाल की गई बाइक को भी जब्त कर लिया है। पटना पुलिस के मुताबिक जमीनी विवाद को लेकर जदयू नेता दीपक मेहता की हत्या की गई थी।


एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने रविवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि दीपक मेहता हत्याकांड के जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम को जांच के दौरान पता चला कि दीपक मेहता राजनीत के साथ साथ जमीन के कारोबार से भी जुड़े थे। जांच में टीम को पता चला कि जमीन के दो विवाद प्लॉट को लेकर पिछले दो वर्षों से दीपक मेहता का कुछ पेशेवर अपराधियों के साथ विवाद चल रहा था। पहला प्लॉट 52 कट्ठा का है जबकि दूसरा 29 कट्ठे का है।


गौरतलब है कि 28 मार्च को रात करीब 9.30 बजे दानापुर थाना क्षेत्र के नासरीगंज पुलिस चौकी के पास बाइक सवार तीन-चार अज्ञात हथियारबंद अपराधियों ने जेडीयू नेता दीपक मेहता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया था। पुलिसिया जांच में पता चला कि दीपक मेहता राजनीति के साथ जमीन के कारोबार से भी जुड़े व्यक्ति थे। इनका पटना में कई क्षेत्रों में जमीन की खरीद बिक्री का कारोबार था। 


इसी क्रम में दो विवादित प्लॉट्स पर जिसमें पहला प्लॉट करीब 52 कट्ठा का है, जो की बिस्कुट फैक्ट्री मोड़ न्यू मिथिला कॉलोनी दानापुर में एवं दूसरा जो करीब 29 कट्ठे का है, जो वनसती मंदिर दीघा नहर रामजी चक दीघा के पास अवस्थित है। इस जमीन को लेकर दीपक मेहता का कुछ पेशेवर अपराधियों के साथ विगत एक-दो वर्षों से विवाद चल रहा था।


वैज्ञानिक अनुसंधान के दौरान पुलिस को पता चला कि दीघा थाना क्षेत्र के अपराधी रवि गोप ने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया है। जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर रवि गोप के बड़े भाई अपराधी राजू राय को गिरफ्तार कर लिया। सख्ती से पूछताछ के दौरान राजू राय ने पुलिस को बताया कि विवादित जमीन पर कब्जे को लेकर जदयू नेता दीपक मेहता की हत्या की गई थी। दीपक मेहता के कारण 52 कट्ठा के प्लॉट पर उमेश राय और 29 कट्ठा के प्लॉट पर रवि गोप को कब्जा करने में परेशानी आ रही थी। रवि राय और उमेश राय ने साथ मिलकर घटना को अंजाम दे डाला।


घटना में चोरी की एक एफजेड बाईक इस्तेमाल किया गया था जिसे उमेश राय के करीबी मनोज राय ने उपलब्ध कराया था। घटना के बाद पीएनएम मॉल पाटलिपुत्रा के पास बाईक को छोड़ देना था। जिसे बाद में हटा दिया जाता। रवि और उमेश के गिरोह द्वारा ही चार शूटरों की व्यवस्था की गई थी। उमेश के सम्पर्क का पिन्टू मियां जो बुद्धा कॉलोनी का रहने वाला है। उसने ही शूटरों को मृतक और उनके घर की पहचान करवाई थी।


इस खुलासे पर तत्काल छापेमारी कर पाटलिपुत्रा थानाक्षेत्र से मनोज राय, बालक और गांधी मैदान थानाक्षेत्र से पिन्टु मियां को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से दो देसी पिस्टल और चार जिन्दा कारतूस भी बरामद किया गया। इन सभी की निशानदेही पर घटना में इस्तेमाल बाइक को भी पाटलीपुत्रा थानाक्षेत्र से बरामद किया गया। यह बाईक मालसलामी थानाक्षेत्र से चोरी हुई थी।


गिरफ्तार राजकुमार सहनी उर्फ बालक के बारे में बताया जा रहा है कि वह बुद्धा कॉलोनी में हुए शेखर हत्याकांड मामल में फरार चल रहा था। मनोज राय की संलिप्तता बहुचर्चित पाटलिपुत्र में हुए बिरजू राय हत्याकांड में सामने आई थी। मो० आजाद हुसैन उर्फ पिन्टु भी छोटू साव हत्याकांड बुद्धा कॉलोनी में जेल जा चुका है। 


जांच के दौरान पता चला कि गिरफ्तार राजू गोप का मृतक दीपक मेहता एवं उसके बड़े भाई सूरज मेहता के साथ जमीन के लेन-देन को लेकर संबंध रहा है। दीघा थाना क्षेत्र के खाता संख्या-1434 प्लॉट संख्या-824 जमाबंदी नं०-20155 पर संयुक्त रूप से मृतक दीपक मेहता के बड़े भाई सूरज मेहता एवं अभियुक्त राजु गोप के नाम संयुक्त रूप से किया एकरारनामा भी प्राप्त किया गया है।


बाद में इनके बीच जमीन के कारोबार को लेकर ही विवाद उत्पन्न हो गया जो इस घटना का प्रमुख कारण बना। गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों के नामों का भी खुलासा किया गया है, जिसे अनुसंधान के दृष्टिकोण से गोपनीय रखा गया है। उन अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।