PATNA: कृषि बिल के विरोध में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के नेताओं ने गांधी मैदान के गेट पर धरना दिया. इस दौरान आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को नीचे बैठने पर मुद्दा बनाया हैं. जेडीयू ने पूछा है कि तेजस्वी किस जमात के कदमों से रौंदना चाहते हैं.
जंगलराज के युवराज की मंशा नहीं होगी पूरी
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव निशाना साधते हुए कहा कि ‘’तेजस्वी यादव बताएंगे कि पिता तुल्य जगदाबाबू को अपने कदमों के नीचे बैठा कर उन्हें क्यों औकात बता रहे हैं. जगदाबाबू तो प्रतिक हैं आपकी मंशा तो सामाजिक समूह के सीने को रौंदना है. जवाब दीजिए जंगलराज के युवराज आपकी मंशा पूरी हुई.’’
एक भाई ने रघुवंश प्रसाद का किया अपमान
नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी के भाई तेजप्रताप यादव ने रघुवंश प्रसाद सिंह को समुद्र का एक लोटा पानी बताकर अपमान किया. विधानसभा चुनाव के दौरान समाजिक समूह के प्रति अपमान का भाव दिखाया. जब चारों तरफ चीत हुए तो कदमों के नीचे बैठाया. किसानों से कहा था कि हमारा समर्थन करें, लेकिन किसान आपके झांसा में नहीं आएंगे. नौकरी के नाम पर जिनकी जमीन गई है. वह आपके परिवार के नाम सुन ही कांपने लगते हैं.
महागठबंधन ने दिया धरना
तेजस्वी यादव के नेतृत्व में कृषि बिल के विरोध में आज महागठबंधन के नेताओं ने गांधी मैदान के गेट पर धरना दिया. इसके बाद महागठबंधन के नेताओं ने शपथ लिया. तेजस्वी यादव ने शपथ लिया कि महागठबंधन शपथ लेता है कि जब तक केंद्र सरकार काले कानून को वापस नहीं लेता है तो महागठबंधन किसानों की हितों की रक्षा के लिए उनके साथ खड़ी रहेगी. नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए तेजस्वी यादव भी धरना में शामिल होने के लिए गांधी मैदान के गेट पर पहुंचे हुए थे. उनके साथ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और अजीत शर्मा समेत कई नेता मौजूद रहे. गांधी मैदान के अंदर जिला प्रशासन ने धरना की अनुमति नहीं दी. जो अंदर गए थे. उनको पुुलिस ने बाहर निकाल दिया. जिसके बाद महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ता गेट पर ही धरना पर बैठ गए हैं.
रोक सको तो रोक लो
तेजस्वी यादव ने गांधी मैदान जाने से पहले कहा कि ‘’गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे हैं उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति को क़ैद कर लिया, ताकि गांधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गांधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सके. नीतीश जी,वहां पहुंच रहा हूं। रोक सको तो रोक लीजिए.’’