जदयू MLC राधाचरण के ठिकानों पर 4 दिन चली इनकम टैक्स की रेड, 150 बैंक खातों से लेन-देन पर लगी रोक

जदयू MLC राधाचरण के ठिकानों पर 4 दिन चली इनकम टैक्स की रेड, 150 बैंक खातों से लेन-देन पर लगी रोक

ARA : जेडीयू एमएलसी राधाचरण साह और उनके करीबियों के 23 ठिकानों पर पिछले चार दिनों से चल रही इनकम टैक्स की छापेमारी अब खत्म हो गईं है। इस रेड में करीब दो सौ करोड़ से अधिक के लेनदेन की जानकारी मिली है। राधाचरण साह बालू की अवैध आपूर्ति का सिंडिकेट से संलीप्ता रही है। इनकम टैक्स की रेड में 1.42 करोड़ कैश जब्त किए गए हैं। इसके साथ ही छिपाए गए दो सौ करोड़ रुपए की रकम पर पेनाल्टी की प्रक्रिया तय करने की कवायद शुरू कर दी है।


मिली जानकारी के अनुसार राधाचरण साह अलग-अलग लोगों के नाम से ठेका भी लेते थे। आयकर सूत्रों के मुताबिक बालू के अवैध कारोबार से अर्जित इस काली कमाई को राधाचरण विभिन्न माध्यमों से नंबर एक की कमाई बनाने का प्रयास करते थे। सूत्रों के मुताबिक बालू की अवैध कमाई का सबसे ज्यादा निवेश दिल्ली और मनाली के होटल के कारोबार में किया जाता था। अब आयकर विभाग इसकी बारीकी से छानबीन कर रहा है।


इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जदयू एमएलसी के सहयोगी के पीओ तहत भी कार्रवाई की है। प्रोटेक्टिव ऑर्डर के तहत एमएलसी राधाचरण के घर और उनके सहयोगी के घर तथा ऑफिस सहित कुल पांच ठिकानों पर एक एक कमरे में छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेज को रखकर कमरों को सील कर दिया गया है। ताकि जांच टीम में जब जरूरत पड़े तब वहां जाकर दस्तावेजों को खंगाल सकें। इसके साथ ही 150 बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी गयी है। 


जानकारी के मुताबिक, राधाचरण और इनके सहयोगी लोगों को कैश में लोन देने का भी धंधा करते हैं। खासकर ये व्यापारियों को इस तरह से लोन देते थे। इसके बदले में मोटा ब्याज वसूलते थे। समय पर पैसे नहीं देने वालों की संपत्ति हड़प लेते थे। इनके पास से ऐसे कई दस्तावेज और संपत्ति के कागजात मिले हैं, जो किसी दूसरे के नाम पर हैं। जांच के बाद यह हकीकत सामने आयी। 


आरा में छापे एमएलसी राधाचरण से जुड़े आरा के हरखेन कुमार के धर्मशाला की खरीद-बिक्री को लेकर हरखेन कुमार एण्ड संस वस्त्रत्तलय में छापेमारी की गई। इस दौरान जमीन से जुड़े मामले की लेन-देन में पूछताछ कर जानकारी ली गई। वहीं रोहतास के डेहरी प्रखंड क्षेत्र की चकन्हा पंचायत की मुखिया पूनम देवी के आवास पर भी छापेमारी चली। मुखिया के परिवार के लोग उनके करीबी बताए जाते हैं।