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1st Bihar Published by: Updated Sun, 18 Jul 2021 07:51:24 PM IST
                    
                    
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PATNA : नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में आरसीपी सिंह के शामिल होने को लेकर जेडीयू के भीतर चल रहा खेल अब दिलचस्प होता जा रहा है. दरअसल नीतीश कुमार अपने निकटतम सहयोगियों को समझा रहे थे कि आरसीपी सिंह को मंत्री बनाने में उनका कोई रोल नहीं है. लेकिन समय बीतने के साथ ही कई बातें सामने आने लगी हैं. जेडीयू नेताओं की आज हुई अहम बैठक में भी इसकी झलक दिखी. जेडीयू संसदीय दल के नेता ललन सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हुए. जेडीयू के एक औऱ सीनियर नेता और राज्य सरकार में मंत्री विजेंद्र यादव भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए.
ललन सिंह हुए नाराज? 
सूत्रों से जो खबर मिल रही है वह ये है कि ललन सिंह उस खेल को समझ गये हैं जो पार्टी के अंदर खेला जा रहा है, लिहाजा बैठक में शामिल नहीं होकर उन्होंने अपनी नाराजगी जतायी है. दरअसल रविवार को नीतीश कुमार ने जेडीयू के नये नियुक्ति हुए प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक बुलायी थी. खुद नीतीश कुमार इस बैठक में वर्चुअल तरीके से जुड़े थे. दिल्ली से आऱसीपी सिंह भी जुड़े थे. बैठक में जेडीयू संसदीय दल के नेता ललन सिंह को भी रहना था लेकिन वे नहीं गये.
ललन सिंह बैठक के समय अपने संसदीय क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में सड़क का शिलान्यास करने निकल गये. जब जेडीयू दफ्तर में प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक चल रही थी तो ललन सिंह पटना के बाढ़ में स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर रहे थे. ललन सिंह ने बैठक में शामिल होने पर खुद तो कुछ नहीं बोला लेकिन उनके समर्थक बता रहे हैं वे नाराज हैं.
क्या ललन सिंह समझ गये हैं खेल
ललन सिंह की नाराजगी की चर्चा के बीच सवाल ये उठ रहा है कि क्या वे उस खेल को समझ गये हैं जो पार्टी के अंदर हो रहा है. मामले को शुरू से समझिये. इसी महीने 7 जुलाई को जब दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो आरसीपी सिंह मंत्री बन गये. ललन सिंह खुद मंत्री बनने के दावेदार थे. ललन सिंह उस समय भी नाराज हुए थे. लेकिन नीतीश कुमार ने उन्हें कई दफे समझाया था. जानकार बताते हैं कि नीतीश कुमार ने ललन सिंह को बताया कि आरसीपी सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से बीजेपी से बात की और खुद अपना नाम तय कर लिया. ललन सिंह को बताया गया कि आऱसीपी सिंह ने मंत्रिमंडल में शामिल होने के संबंध में एक दफे भी नीतीश कुमार से बात नहीं की.
नीतीश की इसी सफाई के बाद ललन सिंह तब शांत हुए थे. उन्होंने मीडिया में ये बयान भी दिया था कि 2019 में अगर जेडीयू केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ था वह नीतीश कुमार का फैसला था. इस दफे आऱसीपी सिंह ने फैसला कर लिया कि मंत्रिमंडल में शामिल हो जाना है. लेकिन दिन बीतने के साथ ही जेडीयू के अंदर का खेल अब सामने आने लगा है.
क्या नीतीश की सहमति से आऱसीपी बने मंत्री
जानकारों के मुताबिक कई दशकों से नीतीश कुमार के साथ रहे ललन सिंह उनकी हर चाल को समझते हैं.  जो बातें अब सामने आ रही हैं उससे ये लग रहा है कि आरसीपी सिंह को मंत्री बनाने में नीतीश कुमार की सहमति थी. लेकिन अपनी जाति औऱ अपने जिले के आऱसीपी सिंह को केंद्र में मंत्री बनाने से नीतीश की सियासी जमीन प्रभावित होती. लिहाजा ऐसा माहौल तैयार किया गया जिससे ये लगे कि आरसीपी सिंह नीतीश की मर्जी के बगैर मंत्री बन गये. कहीं न कहीं ललन सिंह को ये माजरा समझ में आने लगा है.
दरअसल ललन सिंह चाह रहे थे कि अगर आरसीपी सिंह बिना नीतीश कुमार की मर्जी से मंत्री बन गये हैं तो नीतीश कुमार कार्रवाई करें. अगर कार्रवाई करने में कोई परेशानी हो तो कम से कम सार्वजनिक तौर पर ऐसा बयान दें जिससे लगे कि आरसीपी सिंह को मंत्री बनाने में उनका रोल नहीं था. लेकिन नीतीश कुमार ने ना तो ऐसा बयान दिया औऱ ना ही आऱसीपी सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई की.
उधर आरसीपी सिंह दिल्ली में रहकर भी बिहार में जेडीयू के संगठन से जुड़े हर मामले को डील कर रहे हैं. वे लगातार पार्टी की बैठक भी करवा रहे हैं. आऱसीपी सिंह द्वारा पार्टी के फैसले भी लिये जा रहे हैं. इससे भी दूसरा ही मैसेज जा रहा है.
हालांकि ललन सिंह नीतीश कुमार से विद्रोह कर देंगे ये कहना जल्दबाजी होगी. लेकिन वे नाराज हैं औऱ नाराजगी दिखाने लगे हैं. वैसे शनिवार को उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में हुए एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार के साथ शिरकत की थी. उन्होंने नीतीश कुमार के काम की तारीफ भी की थी. ललन सिंह के एक समर्थक ने कहा कि वहां चूंकि मामला उनके संसदीय क्षेत्र का था इसलिए ललन सिंह उस कार्यक्रम में मौजूद थे. लेकिन वे पार्टी के ऐसे किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे जिसमें आरसीपी सिंह मौजूद रहेंगे.
कुल मिलाकर कहें तो जेडीयू के भीतर दिलचस्प खेल चल रहा है. आगे इसमें औऱ भी ड्रामा, सस्पेंस, एक्शन सब होने पूरी संभावना है.