JDU के टारगेट पर लालू - राबड़ी ! अब इस बड़े नेता ने कहा .. नीतीश ने बनाया नया बिहार, उससे पहले तो....; जानिए क्या है पूरी प्लानिंग

JDU के टारगेट पर लालू - राबड़ी ! अब इस बड़े नेता ने कहा .. नीतीश ने बनाया नया बिहार, उससे पहले तो....; जानिए क्या है पूरी प्लानिंग

PATNA : बिहार में महागठबंधन की सरकार है और यह सरकार में कुल मिलाकर 7 पार्टी के समर्थन से चल रहा है। हालांकि, विशेष रूप में देखा जाए तो इस महागठबंधन में सबसे अधिक चर्चा राजद और जदयू की ही होती है। जहां राजद वर्तमान परिवेश में राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है तो वहीं जदयू तीसरे नंबर की पार्टी है। हालांकि, बिहार में मुख्यमंत्री जदयू के पार्टी के ही नेता है और करीब 18 साल से बिहार की सत्ता में सीएम की कुर्सी जदयू के पास या कह लें की नीतीश कुमार के पास ही है। ऐसे में बीते कल जदयू का 20 वां स्थापना दिवस था। लेकिन, इस दौरान सबसे बड़ी बात यह रही कि जदयू के नेता पार्टी के 20 वां स्थापना दिवस मनाने में इतने मशगूल हो गए कि वो अपने सहयोगी और बिहार में सबसे बड़ी पार्टी को ही इशारों में कोसने लगे। 


दरअसल, जदयू के 20 वां स्थापना दिवस की बधाई देते हुए पार्टी के बड़े और पुराने कद्दावर नेता ने यह कहा कि - नीतीश कुमार ने नया बिहार बनाया है। पहले का और अब के बिहार का आकलन करने पर यह साफ झलकता है कि पहले राज्य की स्थिति क्या थी और नीतीश कुमार ने सीएम बनते ही हालात को कैसे बदल दिया। इस बात को पुरजोर तरीके से बोलने की जरूरत है। बिहार को नए रूप में खङा करने का काम नीतीश कुमार ने किया है।  


वहीं,जदयू के इस नेता के बयान को समझने वालों लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि  जदयू अब राजद पर खुलकर दवाब बनाना शुरू कर दी है। इसके पीछे की वजह मुख्य रूप से दो है। इसमें पहली वजह आगामी दिनों में होने वाला लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारा है। इसके अलावा दूसरी वजह तेजस्वी को सीएम की कुर्सी पर बैठना बताया जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस लोकसभा चुनाव में राजद जदयू से अधिक सीट पर चुनाव लड़ने की बात कह रही है। जबकि जदयू का कहना है कि राज्य में विकास हमने किया है लिहाजा हमें आपसे अधिक सीट चाहिए। वैसे भी पिछले दफा राजद का खाता भी नहीं खुला था जबकि जदयू के 16 सांसद पहले से हैं। 


इसके आलावा इस बात की भी चर्चा तेज है कि अब नीतीश कुमार पर यह दवाब बनाया जा रहा है कि वो अपनी कुर्सी तेजस्वी यादव को सौंप दें और खुद इस नए विपक्षी गठबंधन में कोई बड़े पद पर बैठ जाए। लेकिन, नीतीश कुमार यह बातें अच्छी तरह से जानते हैं कि यदि वो कुर्सी से हट गए तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए वो यह जरूर कहते हैं कि- हम सबकुछ तेजस्वी के लिए ही कर रहे हैं। लेकिन, समय दर समय वो राजद के पुराने दिनों की भी याद खुद या अपने पार्टी के साथी दे दिलवा देते हैं। 


उधर, पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने भी इशारों- इशारों में बता दिया है कि राजद भले ही समाजवाद की बात कर ले लेकिन सच्चे समाजवाद की परिभाषा जदयू में ही देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि - हमारी पार्टी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, राममनोहर लोहिया एवं जननायक कर्पुरी ठाकुर के विचारों को न सिर्फ मानती है, बल्कि उनके सपनों को पूरा करने में भी दिनरात लगी हुई है। हमें इस बात का गर्व है कि हमारी पार्टी एक मात्र ऐसी पार्टी है जो न सिर्फ सामाजिक न्याय की बात करती, बल्कि उसे धरातल पर उतारने का भी काम करती है। हमारे नेता नीतीश कुमार के विजन के कारण ही बिहार ने अपना खोया हुआ गौरव पुन प्राप्त किया है।