ललन सिंह की दहाड़- हिमालय पर्वत गिरा देंगे... 'BJP' साथ रही तो ठीक वरना अकेले चुनाव लड़ेंगे

ललन सिंह की दहाड़- हिमालय पर्वत गिरा देंगे... 'BJP' साथ रही तो ठीक वरना अकेले चुनाव लड़ेंगे

PATNA : जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ललन सिंह पूरे फॉर्म में नजर आ रहे हैं. ललन सिंह लगातार पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं. पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ललन सिंह ने दम भरा है. उन्होंने दावा किया है कि अगर कार्यकर्ता इसी तरह उत्साहित रहें तो वे  हिमालय पर्वत भी गिरा देंगे. खून पसीना से जेडीयू को को एक बार फिर से नंबर वन पार्टी बनाएंगे.


ललन सिंह जेडीयू के प्रदेश कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में बोल रहे थे. बिहार के पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा की घर वापसी को लेकर आयोजित मिलन समारोह कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने कहा कि वह एनडीए में हैं. लेकिन यूपी चुनाव में बीजेपी उनके साथ नहीं रही. अगर जेडीयू को बीजेपी ने भागीदार नहीं बनाया तो पार्टी यूपी समेत अन्य राज्यों में अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी. ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्यों का बुकलेट छपवाया जायेगा. कार्यकर्ताओं को बांटा जायेगा ताकि नीतीश के कार्य को घर घर तक पहुंचाया जा सके.


बिहार एनडीए में शामिल दो पार्टियों ने उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान उतरने का एलान कर बीजेपी के सामने एक बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है. बिहार सरकार के मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के कर्ताधर्ता मुकेश सहनी भी एलान कर चुके हैं कि वे बीजेपी में अकेले चुनाव लड़ेंगे. हाल ही में जिस तरीके से यूपी में बखेड़ा खड़ा हुआ, उसे बीजेपी अभी भूली नहीं है. मुकेश सहनी ने यहां तक कह दिया कि बीजेपी के कद्दावर नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे डर गए. मुकेश सहनी की ऐसी बयानबाजी के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का ऐसा बयान आना बीजेपी के लिए कतई शुभ नहीं है.



यूपी के चुनावी रणभूमि में उतरने की घोषणा करने के दौरान ललन सिंह का पुराना दर्द भी उभरा, जो दर्द बीजेपी ने जेडीयू को अरुणाचल प्रदेश में दिया. बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के ठीक बाद जिस तरीके से बीजेपी ने जेडीयू के 6 विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया. बीजेपी द्वारा जेडीयू को दिए गए उस जख्म को भी ललन सिंह ने याद किया और कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया था. जेडीयू 14 सीट पर चुनाव लड़ी थी और 14 में से 7 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी.


ललन सिंह ने कहा कि "जब तक जदयू 1 नंम्बर पार्टी नहीं बनेगी, जब तक 2010 के चुनाव परिणाम के रिकार्ड को नहीं तोड़ेंगे तब तक खून पसीना लगा कर जदयू को नंम्बर 1 पार्टी बनाना है. सीएम नीतीश को 2025 में मुकाम तक पहुंचाना है. पार्टी के कार्यकर्ता 2024-25 तक अपनी ऊर्जा इसी तहर बनाये रखें. कार्यकर्ताओं को उनके मान सम्मान और उचित हिस्सेदारी मिलेगी. नीतीश कुमार का नारा है कि समाज के हर तबके को साथ जोड़ना है. हम सभी जिलों के एक-एक साथियों को चिन्हित करेंगे और सभी को पटना बुलाकर विमर्श करेंगे. सभी पुराने साथियों की सलाह ली जाएगी.


ललन सिंह ने कहा कि "किसी की पसंद ना पसंद के कारण किसी को दरकिनार नहीं किया जाएगा. मैं अपने सारे अधिकारों को विकेन्द्रित करूंगा. पार्टी के नेतों को काम की पूरी आजादी होगी और उनके काम का विश्लेषण किया जाएगा. मैं और उपेंद्र कुशवाहा मिल कर वर्षो तक काम कर चुके हैं. कार्यकर्ता उत्साहित होंगे तो हिमालय पर्वत भी गिरा देंगे."


जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि "भगवान सिंह कुशवाहा एक बार फिर जदयू परिवार के सदस्य में शामिल हुए हैं. भगवान सिंह लंबे समय तक हम लोगो के साथी रहे हैं. घर में कभी-कभी नाराज हो कर चले जाते हैं." ललन सिंह ने भगवान सिंह कुशवाहा से अपील करते हुए कहा कि "अब रूसकर कहीं मत जाइएगा. अब यहीं जदयू में रहिएगा. नाराज नहीं  होइएगा."


पार्टी में शामिल होने के बाद भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा कि वे वैचारिक मतभेद के कारण विधानसभा चुनाव में अलग हो गए थे. लेकिन उनका दिल सीएम नीतीश कुमार के पास था. उन्होंने कहा कि वे हमेशा से सीएम नीतीश और ललन सिंह के साथ रहे हैं. भगवान सिंह कुशवाहा ने ये भी कहा कि "अगर मैंने कोई गलत बात कही हो तो उसके लिए माफ़ी चाहता हूँ."


इस कार्यक्रम में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "जदयू को नंबर 1 पार्टी बनाना है. इस संकल्प के साथ मैं बिहार में घूम रहा हूँ. पार्टी में जो कमी थी, उसे बारी बारी में पूरा किया जा रहा है. इसी कड़ी में भगवान सिंह कुशवाहा आज जदयू में शामिल हो रहे हैं."


कुशवाहा ने ये भी कहा कि "मेरे बारे में कहा गया कि मैं  ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से नाराज हूँ. लेकिन ये गलत है. मैं और ललन बाबू काफी लंबे समय से एक साथ रहे हैं. ललन बाबू मेरे पुराने साथी रहे हैं. विपक्ष की दाल गलने वाली नहीं है. जेडीयू से नाराजगी मैंने बहुत पहले बाहर फेंक दी है. ललन सिंह के साथ मेरा काफी मजबूत संबंध है. ललन सिंह से पार्टी को बहुत उम्मीदें हैं. देश भर में अब जेडीयू का विस्तार होगा."