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1st Bihar Published by: Updated Sun, 08 Aug 2021 01:15:00 PM IST
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PATNA : ललन सिंह के जेडीयू अध्यक्ष बनने के बाद बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी के साथ बदल रहा है. एक तरफ ललन सिंह के पटना आगमन पर जेडीयू का शक्ति प्रदर्शन तो वहीं दूसरी तरफ से लगातार जेडीयू के नेता ललन सिंह के समर्थन में आक्रामक नजर आ रहे हैं. प्रदेश कार्यालय में आज जेडीयू प्रवक्ताओं की प्रेस वार्ता में भी ऐसा ही देखने को मिला. पार्टी प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार के साथ-साथ प्रदेश के अन्य प्रवक्ताओं ने आज मीडिया से बातचीत में पार्टी का आगामी एजेंडा स्पष्ट किया. पार्टी के प्रवक्ताओं ने बताया कि ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उनकी पार्टी की प्राथमिकताएं बदल गई हैं. अब हम बिहार में ना केवल संगठन को धारदार बनाने जा रहे हैं. बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी का विस्तार एजेंडे में शामिल है.
मीडिया से बातचीत के दौरान जदयू प्रवक्ता अजय आलोक में पार्टी के अंदर और बाहर खड़े सहयोगियों और विरोधियों तक को क्लियर मैसेज दे डाला. अजय आलोक ने कहा कि ललन सिंह पुराने नेता हैं. संगठन और बिहार के बारे में उन्हें किसी से सीखने की जरूरत नहीं है. अजय आलोक ने कहा कि मछली को तैरना नहीं सीखना पड़ता. ललन सिंह संगठन के एक एक आदमी को बखूबी पहचानते हैं.
ललन सिंह को मालूम है कि कैसे सबको जोड़ना है. हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अन्य राज्यों में हमें अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है. 2 राज्यों में हमारा वजूद है और दो अन्य राज्यों में अगर हमारी ताकत बढ़ती है. तो हम राष्ट्रीय पार्टी बन जाएंगे. अजय आलोक ने कहा कि जेडीयू चाहता है कि वह एनडीए गठबंधन में रहे लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम स्वतंत्र राजनीतिक दल के तौर पर चुनाव लड़ने को स्वतंत्र हैं. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सहयोगी भी उनकी बात को समझेंगे.
जेडीयू प्रवक्ता ने ऐलान किया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के नेतृत्व में पार्टी ने तेवर और कलेवर के साथ संगठन को मजबूत बनाएगी. नीचे से लेकर शीर्ष तक संगठन को एक सूत्र में बांधा जाएगा.
इतना ही नहीं जातीय जनगणना के मसले पर भी जेडीयू के प्रवक्ताओं ने पार्टी का पक्ष एक बार फिर से सामने रखा. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि जातीय जनगणना की मांग से हम पीछे नहीं हटने वाले, जो कोई भी इसका विरोध कर रहे हैं. उन्हें जातीय जनगणना के फायदे समझ में नहीं आ रहे. आर्थिक आधार पर अगर जनगणना होती है. तो इससे जेडीयू को कोई एतराज नहीं. लेकिन जातीय जनगणना हर हाल में होनी चाहिए.
जेडीयू प्रवक्ताओं की प्रेस वार्ता में अजय आलोक में जो कहा उसके दो मायने हैं. एक तो यह कि वह विरोधियों के साथ-साथ सहयोगी दलों को भी यह बता रहे हैं कि ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में कितना बड़ा बदलाव आया है. दूसरे कहीं ना कहीं आरसीपी खेमे को भी इशारे ही इशारे में बताया जा रहा कि संगठन पर ललन सिंह की पकड़ ढीली नहीं पढ़ने वाली.