JDU का मिशन 70 लाख पार, संगठन चुनाव भी आगे बढ़ा

JDU का मिशन 70 लाख पार, संगठन चुनाव भी आगे बढ़ा

PATNA : जनता दल यूनाइटेड में संगठन चुनाव की प्रक्रिया लगातार आगे बढ़ रही है। जेडीयू का सदस्यता अभियान बीते 4 सितंबर से इस महीने की 10 तारीख तक चलाया गया और सदस्यता अभियान में जेडीयू ने अपने सदस्यों की संख्या में बड़ा इजाफा किया है। जेडीयू के अधिकारी सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने 7000000 की सदस्यता सीमा को पार कर लिया है 2 महीने की सदस्यता अभियान के दौरान पार्टी के सदस्यों की संख्या में लगभग 75 फ़ीसदी का इजाफा हुआ है।


खास बात यह है कि पिछले साल जेडीयू के 4000000 के सदस्य थे, जो अब बढ़कर 70 लाख से ज्यादा हो गए हैं। इसबार पार्टी ने 3000000 नए सदस्य बनाए हैं और इसे नेतृत्व एक बड़ी उपलब्धि मान रहा है। जदयू का संगठन जो पिछले कुछ वर्षों में ढीला ढाला हो गया था ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उसे मुस्तैद करने का दावा भी किया जा रहा है। जेडीयू के राज्य निर्वाचन पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद सिंह के मुताबिक शनिवार को सदस्यता अभियान के तहत कुल सदस्यों की संख्या 70 लाख के पार बताई गई है इसमें 60 फ़ीसदी से ज्यादा युवाओं की संख्या है जो पार्टी के लिए एक शुभ संकेत माना जा रहा है निर्वाचन पदाधिकारी के मुताबिक नीतीश कुमार के नेतृत्व के आकर्षण की वजह से ही सदस्यों की संख्या में इजाफा हुआ है।


बताया जा रहा है कि, इन 70 लाख सदस्यों में से प्रत्येक संवर्ग में 60 फीसदी से अधिक संख्या युवाओं की है, जो दल के मजबूतीकरण का शुभ संकेत है। जदयू के तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि,सदस्यों कि बढ़ती संख्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रदेश के विकास के लिए किये गए सर्वस्पर्शी काम के प्रति युवाओं के झुकाव का परिचायक है।


गौरतलब है कि, इससे पहले जदयू का प्रखंडस्तरीय संगठनात्मक चुनाव सम्पन्न हो गया। जदयू के राज्य निर्वाची पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद सिंह ने बताया कि 80 फीसदी प्रखंड अध्यक्षों का चुनाव निर्विरोध हुआ जबकि 9 फीसदी अध्यक्षों का चुनाव मतदान के जरिए कराया गया। एक प्रतिशत चुनाव स्थगित जबकि उत्पन्न विवादों के चलते 10 फीसदी प्रखंड अध्यक्षों का चुनाव निलंबित किया गया है। प्रसाद ने बताया कि जहां-जहां का निर्वाचन स्थगित किया गया अथवा लंबित है, उसका अंतिम निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष द्वारा गठित तीन सदस्यीय विवाद निवारण समिति करेगी। उस समय विवाद निवारण समिति दोनों पक्षों का तर्क सुन व समझ कर अपना अंतिम निर्णय देगी।