PATNA : 70 लाख सदस्यों के साथ मजबूत संगठन का दावा करने वाली नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड का हाल क्या है, इसे जिलाध्यक्षों के चुनाव के बाद समझा जा सकता है। जिलाध्यक्षों का चुनाव पार्टी के लिए कलह की नई वजह बन गई है। चुनाव में धांधली की खबरें लगभग हर जिले से सामने आती रही। खूब विवाद भी हुआ, लेकिन आखिरकार बुधवार को राज्य निर्वाचन पदाधिकारी ने नवनिर्वाचित अध्यक्षों की लिस्ट जारी कर दी। लेकिन इस चुनाव में किस तरह का खेल हुआ, इसे बक्सर में जिला अध्यक्ष चुनाव को लेकर समझा जा सकता है। दरअसल बक्सर में जिस उम्मीदवार ने जीत हासिल की उसका नाम नवनिर्वाचित जिला अध्यक्षों की लिस्ट से गायब कर दिया गया।
बक्सर के जिला अध्यक्ष के तौर पर पार्टी के पुराने नेता अशोक सिंह नवनिर्वाचित हुए थे। चुनाव भी संपन्न करा लिया गया था। पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में पूरी चुनावी प्रक्रिया हुई, लेकिन अशोक सिंह के खिलाफ मैदान में उतरे पार्टी के दूसरे उम्मीदवारों ने धांधली का आरोप लगाया था। इस सब के बावजूद जब अशोक सिंह को निर्वाचित घोषित कर दिया गया। इसके बावजूद राज्य निर्वाचन पदाधिकारी की तरफ से जारी लिस्ट में उनका नाम गायब हो गया। नतीजा यह हुआ कि जिला अध्यक्षों की लिस्ट देखकर अशोक सिंह और उनके समर्थक दंग रह गए। आज सुबह सवेरे बक्सर से पटना पहुंचे और प्रदेश कार्यालय में धरने पर बैठ गए।
इस लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर पटना स्थित जेडीयू ऑफिस के बाहर भारी हंगामा हो रहा है। ये लोग बिहार के बक्सर जिले से आए हैं, जिन्होंने जिला अध्यक्ष की लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। हंगामा कर रहे लोगों का कहना है कि हमारे यहां जिला अध्यक्ष का चुनाव हुआ था। इसमें अशोक कुमार सिंह को सर्वसहमति से जिला अध्यक्ष के लिए निर्वाचित घोषित किया गया। लेकिन कल जेडीयू के राज्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिला अध्यक्ष की जो लिस्ट जारी की है उसमें अशोक कुमार के जगह किसी और का नाम है। हैरानी की बात है कि उन्हें बक्सर में कोई जानता भी नहीं है। इसी सिलसिले में हम पटना पहुंचे हैं और पार्टी कार्यालय का घेराव करने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, अशोक कुमार सिंह ने कहा कि 20 तारीख को जिला का चुनाव हुआ। इसमें बिना किसी के आपत्ति के मुझे जिला अध्यक्ष घोषित कर दिया गया। 2-4 आवेदन भी आए थे लेकिन उसका कोई प्रस्तावक नहीं था। इसके बाद भी किसी और को जिला अध्यक्ष घोषित कर दिया गया है।