जातीय जनगणना पर बैठक: BJP ने कहा-कई जाति की संख्या में है गड़बड़ी, नीतीश से पूछा-कहां है जातियों की आर्थिक रिपोर्ट? मांझी की भी आपत्ति

जातीय जनगणना पर बैठक:  BJP ने कहा-कई जाति की संख्या में है गड़बड़ी, नीतीश से पूछा-कहां है जातियों की आर्थिक रिपोर्ट? मांझी की भी आपत्ति

PATNA: 2 अक्टूबर को जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी करने के अगले दिन आज नीतीश कुमार ने इस मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलायी. सीएम सचिवालय के संवाद कक्ष में हुई इस बैठक महागठबंधन में शामिल दलों ने सरकार की वाहवाही की लेकिन बीजेपी ने जातिगत आंकड़ों पर आपत्ति जतायी. बैठक में बीजेपी ने कहा कि कई जाति के लोग ये कह रहे हैं कि गिनती में गड़बड़ी हुई है. भाजपा ने सरकार से पूछा कि किस जाति के लोगों की आर्थिक सामाजिक स्थिति क्या है, इसकी रिपोर्ट कहां है.


सरकार आंकड़ों की छानबीन कराये.

सर्वदलीय बैठक में उन पार्टियों को बुलाया गया था, जिनका विधानसभा या विधान परिषद में प्रतिनिधित्व है. बीजेपी की ओर से बैठक में विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता हरि सहनी शामिल हुए. बैठक में विजय सिन्हा ने कहा कि जातीय जनगणना में दिये गये आंकड़ों पर कई जाति के लोगों को आपत्ति है. 


वहीं, हरि सहनी ने कहा कि सरकार ने जाति को गिनने में कई तरह की गड़बड़ी की है. कई जाति की संख्या बढ़ाने के लिए उनकी उपजातियों को एक ही जाति में शामिल कर दिया है. वहीं कई जातियों को उप जातियों में बांटकर उनकी संख्या कम कर दी गयी है. भाजपा ने नीतीश कुमार से पूछा कि जातीय जनगणना का मकसद विभिन्न जातियो की आर्थिक सामाजिक स्थिति जानना था. लेकिन सरकार ने ये जानकारी ही नहीं दी है कि किस जाति के लोगों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति क्या है. 


बैठक में मौजूद HAM नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भुइयां जाति और उसकी उप जातियों को अलग किए जाने पर ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि मुसहर जाति के लोगों को अलग अलग उपजाति में बांट कर उनकी संख्या को कम कर दिया गया है. 


उधर, राजद औऱ कांग्रेस के साथ साथ महागठबंधन में शामिल पार्टियों ने जातीय जनगणना की रिपोर्ट को ऐतिहासिक करार दिया. राजद की ओर से तेजस्वी यादव औऱ कांग्रेस की ओर से शकील अहमद खान ने सरकार के कदम को ऐतिहासिक करार दिया. 


वहीं, ओवैसी की पार्टी AIMIM के विधायक अख्तरुल ईमान ने भी रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के जरिए अल्पसंख्यकों को बांटने की कोशिश की गयी है. मुसलमानों को रिपोर्ट में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग में बांटा गया है. अख्तरूल ईमान ने मुसलमानों के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग की है. 


जातीय गणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से बुलाई गई बैठक 2 घंटे चली. इस बैठक में बिहार की 9 पार्टियों के नेता शामिल हुए. नीतीश कुमार ने बैठक में कहा की डेढ़ महीने बाद पूरी रिपोर्ट जारी की जाएगी, जिसमे आर्थिक सर्वेक्षण का आंकड़ा भी होगा.


विजय सिन्हा ने कहा कि हमलोगों ने अपनी आपत्ति को दर्ज की बताया कि ये सब कमियां है। जो आपत्ति है इसका निष्पादन होना चाहिए। हमने कहा कि इसमें आपत्ति दर्ज करने का अवसर मिलना चाहिए। हमारी बातें सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पदाधिकारियों को कहा कि ठीक है उस आपत्ति को देख लीजिए।