जश्न-ए-आजादी की 75वीं वर्षगांठ कल: दिल्ली के लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फहराएंगे तिरंगा

जश्न-ए-आजादी की 75वीं वर्षगांठ कल: दिल्ली के लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फहराएंगे तिरंगा

DESK: रविवार यानी कल 15 अगस्त है। कल जश्न-ए-आजादी का दिन है। इसलिए रविवार का यह दिन हरेक भारतवासियों के लिए खास मायने रखता है। देश कल अपना 75वां वर्षगांठ मनाएगा। इसे लेकर पूरे देश में तैयारियां पूरी कर ली गयी है। बिहार के ऐतिहासिक गांधी मैदान से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तिरंगा फहराएंगे वही दिल्ली के लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झंडोत्तोलन करेंगे। समारोह स्थल के अंदर और बाहर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गये हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर भी कई एहतियात बरती गयी है। पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना के गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 8वीं बार लाल किले से तिरंगा फहराएंगे।  


कल पूरे उल्लास के साथ जश्न-ए-आजादी का त्योहार मनाया जाएगा। अब से कुछ घंटों बाद भारत आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। बिहार की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तिरंगा फहराएंगे वही दिल्ली के लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झंडोत्तोलन करेंगे। इसे लेकर स्वतंत्रता दिवस समारोह स्थल के अंदर और बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। पूरी दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। लाल किले के आसपास खास तैयारी की गयी है। 


लाल किले चारों ओर 300 CCTV लगाए गये हैं वही 9 एंटी ड्रोन रडार तैयार किए गए हैं। मुख्य द्वार के बाहर बड़े-बड़े करीब 20 कंटेनर लगाए हैं। जिससे लाल किले को सामने से नहीं देखा सा सकेगा। लाल किला की सुरक्षा में 5 हजार जवानों की तैनाती की गई है। इसके अलावा पूरी दिल्ली में 40 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गये हैं।  दिल्ली की सभी सीमाओं की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। हर वाहनों पर पैनी नजर रखी जा रही है। दिल्ली पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल, एनएसजी कमांडो और एसपीजी के जवान भी तैनात रहेंगे। ऊंची इमारतों पर स्नाइपर्स तैनात रहेंगे। इसके अलावा सरकारी भवनों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। 


गौरतलब है कि 15 अगस्त को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही अलर्ट जारी कर रखा है। किसानों के आंदोलन और खालिस्तानी आतंकियों की धमके के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गये हैं। कृषि बिल के खिलाफ बॉर्डर पर बैठे किसान पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। आपकों बताते चले कि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान आंदोलन के दौरान जमकर हिंसा फैली थी। 15 अगस्त को किसी तरह की लापरवाही ना बरती जाए इसकी हर संभव कोशिश की जा रही है। जश्न-ए-आजादी की 75वीं वर्षगांठ को लेकर खास एहतियात बरती गयी है।