जनता दरबार में आए 134 फरियादियों की परेशानी को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से सुना, अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश

जनता दरबार में आए 134 फरियादियों की परेशानी को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से सुना, अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश

PATNA: "जनता के दरबार में मुख्यमंत्री" कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में आने वाले फरियादियों की समस्याएं सुनते हैं और उनकी समस्याओं को सुनने के बाद जनता दरबार में मौजूद अधिकारियों को इन समस्याओं के निराकरण का निर्देश देते हैं। पटना के देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आज भी जनता दरबार आयोजित हुआ। जनता के दरबार में आज 134 फरियादी आए थे। जिसमें 25 महिलाएं और 109 पुरुष थे। जिनकी समस्याएं खुद मुख्यमंत्री ने सुनी।

  

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 134 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आज स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा सामान्य प्रशासन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुई।


अरवल से आये एक शिक्षक ने मुख्यमंत्री से कहा कि हम नियोजित शिक्षक हैं और अन्यत्र कहीं स्थानांतरित कर दिये गये हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आप नियोजित शिक्षक नहीं हैं बल्कि शिक्षक हैं। मुख्यमंत्री ने शिक्षक की शिकायत पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिये। एक व्यक्ति की शिकायत थी कि उसकी पत्नी को कोरोना हो गया था, उस समय वे उसे लेकर दिल्ली चले गए, जहां उनकी पत्नी की मौत हो गई। जब पत्नी की मौत के बाद मुआवजे के लिए आवेदन दिया गया तो बताया गया कि मौत बिहार से बाहर हुई है। इसलिए मुआवजे का प्रावधान नहीं है। शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला की मौत भले ही बिहार से बाहर हुई है लेकिन वह बिहार की निवासी है। ऐसे में मुआवजा मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। 


बांका जिले के शंभुगंज प्रखंड से आयी एक युवती ने मुख्यमंत्री से कहा कि हम स्नातक पास हैं। इसके बाद भी मुझे प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये। एक युवती ने मुख्यमंत्री से कहा कि उसकी टीम में 10 लड़कियां हैं और सबने मिलकर दहेज प्रथा और बाल विवाह पर काम किया था लेकिन अभी तक उन लोगों को का भुगतान नहीं किया गया है। इस समस्या को लेकर वे लोग जहां भी जाती हैं उनसे यही कहा जाता है कि भुगतान कर दिया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने जांचोपरांत समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।


भोजपुर से आए एक फरियादी ने कहा कि उसने 2016 में सहारा इंडिया में पैसा जमा किया था लेकिन उसका सारा पैसा डूब गया। यह सुनते ही मुख्यमंत्री ने कहा कि सहारा इंडिया तो प्राइवेट बैंक है। प्राइवेट बैंक में पैसा क्यों जमा किये थे। मुख्यमंत्री ने इस मामले में भी अधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिये।


बेगूसराय के खोदावन प्रखंड के राजू कुमार विकलांगता प्रमाण पत्र को लेकर तो गोपालगंज की सोनी कुमारी बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की तीसरी किश्त के नहीं मिलने की शिकायत लेकर पहुंची। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इसके समाधान का निर्देश दिया। पश्चिम चंपारण के योगापट्टी के श्री नेसार अहमद ने रोजगार लोन नहीं मिलने के संबंध में तो पूर्णिया जिले के बड़हारा प्रखंड के श्री गौरव कुमार सिंह शारीरिक शिक्षक एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की बहाली के संबंध में तो नालंदा जिले के रहुई प्रखंड की किरण कुमारी ने आंगनबाड़ी में अनियमित नियुक्ति के संबंध में अपनी शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को समुचित कार्रवाई का निर्देश दिया।


पटना जिले के मसौढ़ी प्रखंड के अश्विनी कुमार ने आम नागरिकों से जुड़ी समस्याओं के समाधान को लेकर अपनी बात रखी तो वहीं पटना सदर के केसरी किशोर ने वर्ष 2015 में भूकंप त्रासदी के कारण मकान के धंस जाने को लेकर अब तक नहीं मिले मुआवजे के संबंध में शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इसके समाधान का निर्देश दिया। "जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आज 134 फरियादी आए थे जिसमें 25 महिलाएं और 109 पुरुष थे।


'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार, अनुसूचित जाति-जनजाति मंत्री संतोष कुमार सुमन, सूचना एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, कला-संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री आलोक रंजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक एस०के०सिंघल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।


'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 अगस्त को बिहार में पृथ्वी दिवस के रुप में मनाया जाता है। वर्ष 2011 से बिहार में पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी। बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद वृक्ष को लेकर कभी सर्वेक्षण नहीं कराया गया था। बिहार और झारखंड जब एक था तो झारखंड के इलाके में काफी वृक्ष था। हमने सर्वेक्षण कराया तो झारखंड के अलग होने के बाद बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि 2011 में हमने पृथ्वी दिवस मनाना शुरू किया और इसके तहत बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कराना शुरु किया। 


इसके तहत हमने 24 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया। इसको लेकर निरंतर अभियान चलाया जाता रहा है। हरियाली मिशन के तहत करीब 22 करोड़ पौधे लगाये गये। उन्होंने कहा कि हमने 2019 में जल-जीवन- हरियाली अभियान चलाने का फैसला किया। इसके अंतर्गत 11 प्वाइंट तय किये गये हैं, जिसमें एक है बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कराना। हमलोगों ने बिहार का हरित आवरण कम से कम 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया। 


इसे लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। पिछले वर्ष 2 करोड़ 51 लाख वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन लक्ष्य से अधिक करीब 3 करोड़ 95 लाख वृक्षारोपण कराया गया। इस वर्ष 5 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक 3 करोड़ 15 लाख पौधे लगाये जा चुके हैं। लगातार अभियान चलाकर हमलोग इस वर्ष 5 करोड़ वृक्षारोपण के लक्ष्य को पूरा करेंगे।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज पृथ्वी दिवस के दिन भी हमलोगों ने वृक्षारोपण किया है। 5 जून से वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की जाती है। उन्होंने कहा कि हमलोगों का प्रयास है कि बिहार के हरित आवरण को कम से कम 17 प्रतिशत तक जरुर पहुंचा दें और इससे और अधिक लेकर जायें। बिहार का क्षेत्रफल सीमित है लेकिन आबादी बढ़ती जा रही है। इसको लेकर हमलोग किसानों को भी वृक्षारोपण को लेकर प्रेरित कर रहे हैं। सड़कों के किनारे भी वृक्षारोपण कराया जा रहा है। अब कहीं जाने पर पहले की तुलना में ज्यादा वृक्ष दिखाई देते हैं। 


वृक्षारोपण का लक्ष्य प्राप्त कर लेने के बाद पर्यावरण का संतुलन होगा। पर्यावरण के संरक्षण को लेकर यह अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही जल के संरक्षण को लेकर भी काम चल रहा है। जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है। डेढ़ साल से जारी कोरोना के दौर के बावजूद काफी बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का कार्य चलाया जा रहा है। जल-जीवन- हरियाली को लेकर भी बाकी काम निरंतर चलाया जा रहा है।


जातीय जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के संबंध में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका लिखा पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को 4 तारीख को प्राप्त हो चुका है। अभी तक इसका जवाब नहीं आया है। हमलोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो जाय, यह केंद्र सरकार पर निर्भर है। यह हमलोगों की पुरानी मांग है। हम पहले भी इस संबंध में अपनी बातों को रखते रहे हैं। 


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सबको मालूम है कि वर्ष 2019 में बिहार विधानसभा और विधान परिषद् से सर्वसम्मति से इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद वर्ष 2020 में विधानसभा से एक बार फिर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। हमलोगों की इच्छा है कि जातीय जनगणना हो। इसका काफी फायदा होगा। एक बार जातीय जनगणना होने से एक-एक चीज की जानकारी हो जायेगी। किस जाति की जाति की कितनी आबादी है इसकी जानकारी होने से विकास की योजनाओं का लाभ सभी को मिलेगा। जातीय जनगणना सबों के हित में है।


 हमलोगों की चाहत है कि जातीय जनगणना हो, आगे यह केंद्र सरकार का काम है। अगर प्रधानमंत्री समय देंगे तो हमलोग जरुर मिलकर अपनी बातों को कहेंगे। इसका संबंध राजनीतिक नहीं है बल्कि सामाजिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ बिहार में ही नहीं कई और राज्यों में जातीय जनगणना को लेकर चर्चा हो रही है। इसको लेकर हमारे पार्टी के सांसदों ने प्रधानमंत्री से मिलने को लेकर पत्र लिखा था तो उनकी मुलाकात गृह मंत्री श्री अमित शाह से हुई थी। सांसदों ने गृह मंत्री से मिलकर अपनी बातों को कह दिया है। बिहार के विपक्षी दलों की भी इच्छा थी कि हमारे नेतृत्व में चलकर प्रधानमंत्री जी से मिला जाय। 


इसको लेकर हमने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा है। जातीय जनगणना को लेकर निर्णय लेना केंद्र सरकार का काम है। हमलोग अपनी इच्छा को प्रकट करते रहे हैं। यह सामाजिक हित की बात है। केंद्र से जवाब नहीं आने की स्थिति में क्या बिहार सरकार अपने स्तर से जातीय जनगणना करवाएगी पत्रकारों के इस सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर यहां सभी से बात की जायेगी। जनगणना पूरे देश की एक साथ होती है। इससे पहले जाति की गणना कर्नाटक ने एक बार किया है। अगर आवश्यकता होगी कि बिहार में जानकारी के लिए जाति की गणना की जाए तो इसको लेकर सभी से बात की जायेगी। 


हमने अभी इसको लेकर कुछ नहीं कहा है। हमलोगों की इच्छा है कि देश भर में जातीय जनगणना हो जाये, यह बहुत अच्छा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1931 में अंतिम बार जातीय जनगणना हुई थी, इसे एक बार फिर कराना देश के हित में है, ये सबके हित में है। लोगों के उत्थान के लिए यह जरुरी है। विकास का लाभ सभी को मिलना चाहिए। जाति का आंकड़ा एक बार सामने आ जाने के बाद सबके हित में काम होगा। ये राष्ट्र और देश के हित में है। ये किसी व्यक्ति विशेष के हित की बात नहीं है।


बिहार में टीकाकरण से संबंधित पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में पूरी मजबूती के साथ वैक्सीनेशन का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि '6 महीने में 6 करोड़ वैक्सीनेशन के लक्ष्य को जरुर प्राप्त करेंगे, इसमें कोई शक नहीं है। शुरु में हमने वैक्सीन खरीदा भी था लेकिन बाद में प्रधानमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्ध कराया जा रहा है। 


बिहार में वैक्सीनेशन का काम बहुत अच्छे ढंग हो रहा है। वैक्सीनेशन बहुत ही आवश्यक है। सिर्फ वैक्सीनेशन ही नहीं बिहार में कोरोना की जांच भी काफी संख्या में करायी जा रही है। कोरोना की रोकथाम के लिए टेस्टिंग भी बहुत जरुरी है। कम से कम 2 लाख सैंपल्स की प्रतिदिन जांच करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो बचाव के लिये टीकाकरण और दूसरी तरफ जांच भी जरूरी है। यह सब काम किया जा रहा है। पूरी सरकार, प्रशासन सबलोग मिलकर इस काम में लगे हुए हैं। 18 वर्ष से कम उम्र वालों का या 12 वर्ष से ऊपर के आयु वालों के टीकाकरण का अगर निर्णय होता है तो वो भी किया जायेगा।


सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने पर पार्टी के अंदर किसी तरह के मतभेद के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। हमलोगों की पार्टी में सबकी इज्जत की जाती है। पिछले वर्ष दिसंबर में पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी दी गई और वे काम करने लगे। जब मंत्री बन गये तो उन्होंने कहा कि अब ललन जी बन जाएं तो ज्यादा अच्छा है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का निर्णय किया गया। हमलोगों की पार्टी में सबमें एकजुटता है। कहीं कोई ग्रुप नहीं है। ललन सिंह सीनिगर शक्ति है। जब समता पार्टी बनी थी उस समय से ये हैं बल्कि उससे पहले भी थे। पार्टी में सब लोग काम कर रहे हैं, कहीं कोई दिक्कत नहीं है।


उत्तर प्रदेश में जदयू के चुनाव लड़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी का सब जगह विंग्स है। अभी हमारी पार्टी के नेशनल एक्जिक्यूटिव की मीटिंग थी उसमें भी लोगों ने इच्छा प्रकट की थी। ये तो नेशनल एक्जिक्यूटिव का काम है। एलायंस या अलग लड़ने के संबंध में पार्टी के लोग निर्णय लेंगे। यूपी में दो सौ सीटों पर लड़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। यू०पी० में चुनाव प्रचार में जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तो इसके बारे में एक-एक चीज पर निर्णय होगा जो आपलोगों के सामने आयेगा।


मंडल कमीशन के बाकी रिकोमेंडेशन को लागू करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये तो गवर्नमेंट का काम है। एक महत्पूर्ण रिकोमेंडेशन था रिजर्वेशन, वो तो पहले ही लागू हो चुका है। इसके अलावा और जो कुछ भी गरीब-गुरबा तबकों के उत्थान के लिये करनी है। वो देखने वाली बात है।


जब से बिहार की जनता ने सेवा करने का मौका दिया है, तब से हमलोगों ने महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक, अति पिछड़े एवं अन्य सभी वर्गों के लिये काम करते रहे हैं। इनके लिये विशेष तौर पर बहुत सारी योजनायें बनायी गयी।महादलितों, दलितों के लिए भी योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास और सभी के लिए शिक्षा और लोगों के प्रगति के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं।


पटना के अयांश को 16 करोड़ रूपये के इंजेक्शन को लेकर सरकार द्वारा मदद के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो हम सुने हैं, सब लोग सहायता कर रहे हैं हमलोग भी कहे हैं कि मदद करिये लेकिन सरकार की इसमें कोई स्कीम नहीं है। आप जानते हैं कि हमलोग मैक्सिमम मदद देने का स्कीम बनाये हुए हैं वो सबको मालूम है। सबलोग अपने-अपने ढंग से सहयोग करेंगे तो बच्चे के लिये कुछ फायदा हो सकता है।