PATNA : बिहार में कोरोना के नए वैरिएंट से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. पूरी दुनिया में तबाही मचाने वाले डेल्टा वायरस 9 बार म्यूटेशन कर बहुत ज्यादा ताकतवर और घातक हो गया था. लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि नया वायरस ओमिक्रॉन 32 बार म्यूटेशन कर चुका है. वायरस के म्यूटेशन से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन को वायरस ऑफ कंसर्न घोषित कर दिया गया है. पटना AIIMS के ट्रामा इमरजेंसी के HOD और कोरोना की दोनों लहर में जागरुकता पर काम करने वाले डॉक्टर अनिल कुमार ने ओमिक्रॉन का खतरा और वैक्सीन के इसपर असर के बारे में बताया है.
आपको याद है कि भारत में सबसे अधिक तबाही डेल्टा वैरिएंट ने मचाई थी. वह 9 बार म्यूटेशन कर बहुत ज्यादा खतरनाक हो गय था. नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने 32 बार म्यूटेशन किया है. बता दें कि डेल्टा इंडिया में 80 प्रतिशत से भी अधिक फैला. ओमिक्रॉन के म्यूटेशन के कारण यह बात सामने आई कि RT-PCR जांच में इसका S जीन डिटेक्ट नहीं हो पाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न बताया है. ऐसे में इसके खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है.
वैरिएंट ऑफ कंसर्न का मतलब है कि यह वैक्सीन को भी निष्प्रभावी बनाने की क्षमता रखता है. डॉ अनिल का कहना है कि वैरियंट आफ कंसर्न वैक्सीन को फेल करने के साथ वैक्सीन को चकमा देकर लंग्स में चिपक जाता है. यह वैक्सीन का प्रभाव भी नहीं मानता है. इसी से इसके गंभीरता को समझा जा सकता है. इसलिए कोरोना के इस नए वैरिएंट से सतर्क रहने की सलाह दी गई है.