PATNA : बिहार में जातीय जनगणना को लेकर खूब सियासत हो रही है. इसको लेकर नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता ने पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी. सीएम नीतीश ने यह भी कहा था कि जल्द ही इसको लेकर एक सर्वदलीय बैठक भी करेंगे. लेकिन उससे पहले यह खबर आ गई है कि जो 10 साल पर केंद्र सरकार की ओर से जनगणना होती है वह भी नहीं होगी. इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल भी संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि जिस तरीके की खबर मीडिया में आ रही है कि सामान्य जनगणना को ही केंद्र सरकार टालने जा रही है. कुशवाहा ने कहा कि हालांकि यह पक्की खबर नहीं है लेकिन अगर यह खबर सही है तो यह अन्यायपूर्ण और साजिश है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर अगर संघर्ष का रास्ता चुनना पड़ेगा तो पार्टी संघर्ष का रास्ता भी चुनेगी. कुशवाहा अपने आवास पर देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि उनकी जयंती को महिला शिक्षिका दिवस के रूप में मनाये. श्री कुशवाहा ने कहा कि माता सावित्री बाई फुले ने महिलाओं की शिक्षा के लिए अभियान चलाया और खुद शिक्षिका बनकर नारी शक्ति को शिक्षित किया.
उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में लगातार किए जा रहे अपशब्द पर कहा कि यह समझ से बाहर है और केंद्र सरकार को कानून में संशोधन कर ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए. उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर कहा कि विशेष राज्य का दर्जा राज्य का हक है. इसे मिलना चाहिए. जरूरत पड़ी तो इसके लिए भी संघर्ष का रास्ता चुनना पड़ेगा. उपेंद्र कुशवाहा अपने आवास पर प्रसिद्ध महिला शिक्षा सुधारक ज्योतिबा फुले को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.