ब्रेकिंग न्यूज़

पटना में 24 पाकिस्तानी महिलाओं की लिस्ट जारी, तीन ने ली भारतीय नागरिकता 40 साल दरगाह की सेवा के बाद श्यामलाल की घर वापसी, पहलगाम आतंकी हमले से हुआ हृदय परिवर्तन Bihar News: सदर अस्पताल में मिला 25 वर्षीय युवक का शव, प्रेमिका के परिवार वालों पर हत्या का आरोप आतंकवादी हमले के खिलाफ पटना में महागठबंधन का कैंडल मार्च, तेजस्वी यादव-मुकेश सहनी सहित कई नेता रहे मौजूद Road Accident: भारतीय सेना के जवान की सड़क हादसे में मौत, पिता के निधन के बाद छुट्टी पर आए थे घर गोपालगंज में 4 दिन से लापता युवती की लाश बगीचे से बरामद, हत्या के विरोध में परिजनों ने किया सड़क जाम हंगामा CSKvsSRH: 10वें स्थान को लेकर CSK और SRH में रोचक जंग के बीच चेन्नई को मिले भविष्य के 2 सुपरस्टार BIHAR NEWS: विनोद सिंह गुंजियाल बने बिहार के नये मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, 2007 बैच के हैं IAS अधिकारी महागठबंधन में महाघमासान होना तय! RJD से दबने को तैयार नहीं कांग्रेस, को-ओर्डिनेशन कमेटी में दिखा दिया अपना जोर Pahalgam Terror Attack: रूस की अपने नागरिकों को सलाह, “पाकिस्तान की यात्रा न करें”, भारत-पाक के बीच तनाव से पूरी दुनिया अलर्ट

जम्मू-कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- इंटरनेट बैन और धारा 144 पर नहीं चलेगी सरकार की मनमानी

1st Bihar Published by: Updated Fri, 10 Jan 2020 11:41:31 AM IST

जम्मू-कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- इंटरनेट बैन और धारा 144 पर नहीं चलेगी सरकार की मनमानी

- फ़ोटो

DELHI : शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद घाटी में इंटरनेट और लंबे समय तक धारा 144 लागू करने को लेकर सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि बिना वजह पूरी तरह इंटरनेट पर रोक नहीं लगाया जा सकता है. इंटरनेट लोगों की अभिव्यक्ति का अधिकार है. यह आर्टिकल 19 के तहत आता है. इंटरनेट पर रोक तभी लग सकती है, जब सुरक्षा को गंभीर खतरा हो.

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में कहीं भी लगातार धारा 144 को लागू रखना सरकार द्वारा शक्ति का दुरुपयोग है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को गैर जरूरी आदेश वापस लेने को कहा है. 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर में मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद करने और लोगों की आवाजाही पर रोक के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि पाबंदियां अवैध तरीके से लगाई गई, इनके जरिए लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया. कई महीने पहले ही आर्टिकल 370 हटाने का फैसला दिया गया है लेकिन अभी भी कई तरह के प्रतिबंध जारी हैं.