जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर बच्चों के स्वास्थ्य और कृषि पर- सुशील मोदी

जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर बच्चों के स्वास्थ्य और कृषि पर- सुशील मोदी

PATNA : राजधानी पटना के ओर से दीघा स्थित आश्रम में तरुमित्र की  ओर से आयोजित 'जैविक धान की कटनी उत्सव' का शुभारंभ करते हुए डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि धरती गर्म हो रही है, मौसम चक्र टूट रहा है, अतिवृष्टि और अनावृष्टि से बाढ़ और सुखाड़ जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक असर बच्चों के स्वास्थ्य और कृषि पर पड़ रहा है। सामूहिक जिम्मेवारी के साथ प्रयास करना होगा। एक वर्ष में एक पौधा जरूर लगायें और संतान की तरह उसकी परवरिश और देखभाल करें।

सुशील मोदी ने कहा कि दुनिया में मौजूद पानी का मात्र 3 प्रतिशत ही पीने योग्य है। पानी प्रयोगशाला में तैयार नहीं होता, इसलिए हमें उसकी एक-एक बूंद को बचाना है। वर्षा जल का संचयन व धरती को रिचार्ज कर भूगर्भ जल के स्तर को बरकरार रखना होगा। पेड़-पौधे, जीव-जंतु, पशु-पक्षी, नदी-पहाड़ से हमारे जीवन का अस्तित्व जुड़ा हुआ है। हमारी संस्कृति में सदियों से इनकी पूजा की परम्परा रही है। उन्होनें कहा कि  'थिंक ग्लोबली एंड एक्ट लोकली' की नीति के साथ पुनः प्रकृति के प्रति जुड़ाव और लगाव स्थापित करने की जरूरत है।

डिप्टी सीएम ने कहा कि हमें पानी और बिजली जरूरत के अनुरूप इस्तेमाल कर प्राकृतिक स्रोतों को अनावश्यक दोहन से बचना होगा। धरती सभी की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है लेकिन हमारे लालच को पूरा नहीं कर सकती है।

सुशील मोदी ने तरूमित्र संस्था की तारीफ करते हुए कहा कि जिस प्रकार यह संस्था स्कूली बच्चों को जैविक खेती, जैविक खाद, कचरे से उपयोगी सामग्री का निर्माण व इको फ्रेंडली वातावरण का निर्माण,पौधारोपण, जल संरक्षण इत्यादि का व्यवहारिक प्रशिक्षण दे रही है, वह सराहनीय है। प्रकृति की रक्षा व जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए आदतों में बदलाव व वातावरण तैयार करने की जरूरत है।