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29-Sep-2022 08:21 PM
CHHAPRA: बिहार में सत्तारूढ जेडीयू के एक एमएलसी ने यूनिवर्सिटी में पदाधिकारी रहते फर्जीवाडा औऱ घोटाले को अंजाम दिया. बिहार सरकार के ही निगरानी विभाग में कोर्ट में चार्जशीट दायर कर एमएलसी के खिलाफ ये आऱोप लगाया है. निगरानी विभाग ने जेडीयू के एमएलसी वीरेंद्र नारायण यादव के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है. वीरेंद्र नारायण यादव सारण स्नातक सीट से जेडीयू के एमएलसी हैं.
परीक्षा घोटाला को अंजाम दिया
जेडीयू के एमएलसी वीरेंद्र नारायण यादव पर आरोप है कि उन्होंने छपरा के जयप्रकाश यूनिवर्सिटी में पदाधिकारी रहते रजिस्ट्रेशन औऱ परीक्षा घोटाले को अंजाम दिया. हाईकोर्ट के आदेश पर पहले से ही इस मामले की जांच चल रही है. अब निगरानी विभाग ने जांच पूरी कर एमएलसी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया है.
ऐसे हुआ घोटाला
बिहार के जयप्रकाश यूनिवर्सिटी छपरा से संबद्ध एक कॉलेज है देवराहा बाबा डिग्री कॉलेज. इस कॉलेज को यूनिवर्सटी ने सत्र 2012-15 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए 678 सीट की स्वीकृति दी थी. उस दौर में वीरेंद्र नारायण यादव यूनिवर्सिटी में छात्र कल्याण विभाग के अध्यक्ष यानि डीएसडब्लू के पद पर काबिज थे।
आरोप है कि जिस कॉलेज को सिर्फ 678 छात्रों की पढ़ाई की अनुमति मिली थी, उसके 1723 छात्रों का परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया. यानि स्वीकृत सीट से दोगुने से भी ज्यादा छात्रों का रजिस्ट्रेशन कर लिया गया.
जांच में पाया गया कि उस सत्र में कुल 2370 छात्रों ने परीक्षा दिया था, जिनमें से सैकड़ों छात्र अवैध थे. ये मामला उजागर होने के बाद विजलेंस ने केस दर्ज किया था. लेकिन चूंकि मामला सत्तारूढ दल के नेता से जुड़ा था लिहाजा जांच की रफ्तार सुस्त कर दी गयी थी. बाद में ये मामला हाईकोर्ट पहुंचा. पटना हाईकोर्ट ने जब कड़ा रूख अख्तियार किया तो विजलेंस ने जांच तेज कर दिया।
अब निगरानी ने विजिलेंस कोर्ट में मामले में चार्जशीट दायर कर दिया है. निगरानी की जांच में कुल 11 अभियुक्तों में से 7 को क्लीन चिट दे दी गयी है. वहीं एमएलसी वीरेंद्र नारायण यादव समेत 4 अभियुक्तों को दोषी पाया गया है. उनके खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया है.