RANCHI: इस वक्त की बड़ी खबर रांची से लालू प्रसाद को लेकर आ रही है. लालू यादव के खिलाफ जेल मैनुअल उल्लंघन के मामले में सुनवााई टल गई है. अब इस केस की अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी.
लालू को अस्पताल में मिल रही शाही खिदमत पर शुक्रवार को रांची हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होने वाली थी. जेल मैनुअल को ताक पर रख कर लालू को सारी सुख सुविधा उपलब्ध कराने के मामले में कोर्ट के तेवर सख्त हैं. इस पर 22 जनवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.
कोर्ट के सामने नहीं सूझा सरकार को जवाब
लालू प्रसाद यादव को सुविधायें देने के मामले में होईकोर्ट की सख्ती के बाद झारखंड सरकार को जवाब नहीं सूझा था. दरअसल कोर्ट में पहले ये जानकारी दी गयी थी कि लालू प्रसाद यादव को शिफ्ट करने का फैसला जेल अधीक्षक ने नहीं लिया था. इसके बाद कोर्ट ने पूछा था कि जब जेल अधीक्षक ने सजायाफ्ता लालू यादव को बंगले में शिफ्ट करने का फैसला नहीं लिया था तो आखिर किसके निर्देश पर और किसने ये फैसला लिया था.
लालू के सेवादार पर भी सवाल
कोर्ट ने लालू यादव के मामले में जेल मैनुअल के उल्लंघन से जुडे कई और सवाल पूछे थे लेकिन झारखंड सरकार के वकील कोई जवाब दे नहीं पाये थे. कोर्ट ने पूछा था कि किस नियम के तहत लालू प्रसाद यादव को अस्पताल में सेवादार दिया गया था. सरकार ने बताया था कि जेल में सेवादार देने का प्रावधान है. सरकार के इस जवाब के बाद कोर्ट ने पूछा था कि अगर किसी कैदी का इलाज जेल के बाहर हो रहा हो तो क्या उसे सेवादार दिया जा सकता है. क्या जेल मैनुअल में इसका प्रावधान है. सरकार कोर्ट को कोई जवाब नहीं दे पायी थी.
कोर्ट ने दिया था आखिरी मौका
लालू यादव से जुडे कोर्ट के ज्यादातर सवालों का जवाब सरकार से नहीं मिलने पर रांची हाईकोर्ट की बेंच ने क़ड़ी नाराजगी जतायी थी. इसके बाद सरकार ने जवाब देने के लिए और समय मांगा था. कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए आखिरी मौका देते हुए 8 जनवरी का डेट तय किया था. सरकार को 8 जनवरी को पूरी तैयारी के साथ कोर्ट में आने को कहा गया था. रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद यादव को सुख सुविधा उपलब्ध कराने के मामले में झारखंड सरकार बुरी तरह फंसी हुई नजर आ रही है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट में आज क्या होने जा रहा है.