जेल के बजाय अस्पताल में रहकर क्राइम सिंडिकेट चला रहे हैं प्रभुनाथ सिंह: झारखंड के चीफ जस्टिस और सरकार को मिली शिकायत

जेल के बजाय अस्पताल में रहकर क्राइम सिंडिकेट चला रहे हैं प्रभुनाथ सिंह: झारखंड के चीफ जस्टिस और सरकार को मिली शिकायत

RANCHI: विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बाहुबली पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह और उनके भाई दीनानाथ सिंह पर गंभीर आरोप लगा है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के साथ साथ झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी को ये शिकायत की गयी है कि आजीवन कारावास की सजा काट रहे आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह और उनके भाई दीनानाथ सिंह जेल के बजाय रांची आयुर्विज्ञान संस्थान यानि रिम्स में रह कर वहीं से क्राइम सिंडिकेट चला रहे हैं. शिकायत ये भी की गयी है कि झारखंड की सरकार में राजद भी साझीदार है और उसके कारण ही प्रभुनाथ सिंह को खुली छूट मिली हुई है.


बिहार के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह ने ये शिकायत भेजी है. वे कोर्ट में याचिका दायर करने की भी घोषणा कर रहे हैं. तारकेश्वर सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखा है. उनसे मांग की गयी है कि वे अपने स्तर से मामले की जांच करायें और क्राइम सिंडिकेट चला रहे प्रभुनाथ सिंह और दीनानाथ सिंह को वापस जेल भेजा जाये. बता दें कि तारकेश्वर सिंह विधायक अशोक सिंह के भाई हैं. अशोक सिंह हत्याकांड में ही प्रभुनाथ सिंह और दीनानाथ सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है.


प्रभुनाथ सिंह और दीनानाथ सिंह को सजा सुनाये जाने के बाद झारखंड के हजारीबाग केंद्रीय कारागार में सजा काटने के लिए रखा गया था. बाद में दोनों को कैंसर और आंखों की बीमारी के इलाज के लिए रिम्स में भर्ती करा दिया गया. अब उन्हें खुली छूट मिलने की शिकायत की जा रही है.


तारकेश्वर सिंह ने कहा है कि 1995 के विधानसभा चुनाव में उनके भाई स्व. अशोक सिंह ने भारतीय प्रगतिशील पार्टी के तत्कालीन उम्मीदवार प्रभुनाथ सिंह को हरा दिया था. चुनाव खत्म होने के 90 दिनों के भीतर मसरख के तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की हत्या कर दी गई थी. तारकेश्वर सिंह ने कहा कि उनके भाई के हत्यारों प्रभुनाथ सिंह और दीनानाथ को 18 अप्रैल को रिम्स में भर्ती कराया गया है. उसके बाद से वे जेल वार्ड में 'दरबार' लगा रहे हैं. 


तारकेश्वर सिंह ने ये भी कहा कि प्रभुनाथ सिंह आरजेडी से जुड़े थे और लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं. ये हो सकता है प्रभुनाथ सिंह ने लालू के रसूख का इस्तेमाल कर खुद को रिम्स में एडमिट करा लिया है. तारकेश्वर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि प्रभुनाथ सिंह लगातार  महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में अपने समर्थकों से फोन पर बात कर रहे हैं. 


गौरतलब है कि हजारीबाग की स्पेशल कोर्ट ने 18 मई, 2017 को तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की 22 साल पुराने हत्याकांड में बिहार के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह और पूर्व मुखिया रितेश सिंह को दोषी ठहराया था। 3 जुलाई, 1995 को सारण जिले के मसरख से जनता दल के तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की उनके आधिकारिक आवास- 5 मैंग्लस रोड पर बम से हमला कर मार डाला गया था. इस हमले में एक अन्य युवक अनिल कुमार सिंह की भी मौत हुई थी जबकि तीन लोग घायल हो गये थे.