PATNA: बिहार के मजदूरों की पिटाई के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाने के आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी तिवारी को 22 मार्च तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई यानि ईओयू ने रविवार को उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. ईओयू ने कहा है कि वह सोमवार को कोर्ट में अर्जी देकर मनीष कश्यप को रिमांड पर देने का अनुरोध करेगी. ईओयू कह रही है कि मनीष कश्यप से कई राज उगलवाना बाकी है.
फूट फूट कर रोया मनीष कश्यप
इस बीच मनीष कश्यप का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में वह पुलिस की गिरफ्त में रोता हुआ दिखा रहा था. जब वह पुलिस की गाड़ी में था तो रो रहा था. वीडियो में उसके साथी ये कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि हिम्मत मत हारना, हम साथ मिलकर लड़ेंगे.
बता दें कि शनिवार को मनीष कश्यप को पश्चिम चंपारण में गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम उसे पटना लेकर आ गयी थी. ईओयू की टीम ने उससे गहन पूछताछ की. सोमवार को ईओयू उसे रिमांड पर मांगेगी ताकि आगे की पूछताछ की जा सके. वहीं, जल्द ही तमिलनाडु पुलिस भी उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. तमिलनाडु पुलिस की एक टीम पहले से ही पटना में कैंप कर रही है.
मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाने का आरोप लगा है. मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी तिवारी के खिलाफ बिहार में 14 और तमिलनाडु में 13 मामले दर्ज हैं.केस दर्ज होने के बाद भी मनीष कश्यप फरार था. पुलिस और ईओयू की टीम ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर छापेमारी की थी लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ. इसी बीच शनिवार को बेतिया के महना डुमरी गांव में मनीष कश्यप के घर की कुर्की जब्ती की गयी. तब मनीष कश्यप ने पश्चिम चंपारण जिले के जगदीशपुर थाने में सरेंडर कर दिया.
पुलिस के मुताबिक मनीष कश्यप पर पहले से 7 मामले दर्ज हैं. उसके घर की कुर्की पुराने मामले में की गयी थी. उसके खिलाफ रंगदारी और सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज था. 31 मार्च,2021 को एसबीआई की पारस पकड़ी ब्रांच के मैनेजर ने मनीष कश्यप के खिलाफ रंगदारी मांगने और सरकारी काम में बाधा डालने का केस दर्ज कराया था. उसी मामले में उसके घर की कुर्की जब्ती की गयी.