PATNA: हाल में दिए गए रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के एक बयान की बिहार की सियासत में खूब चर्चा हुई. इस बयान के अलग अलग मायने निकाले गए. दरअसल उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि वह जहर पीने को भी तैयार हैं. उनके इस बयान को उनकी राजनीतिक मजबूरियों से जोड़कर भी देखा गया.
बिहार विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा है, चुनाव में वक्त कम है ऐसे में रालोसपा के अंदर खाने सीटों की संख्या और सीट बंटवारे को लेकर बेचैनी बढ़ती जा रही है. कल रालोसपा के कई नेताओं ने आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से मुलाकात की है. हालांकि जहर पीने वाले बयान को लेकर उपेंद्र कुशवाहा यह दावा कर चुके हैं कि लालू यादव से भी उनकी बात हुई है और महागठबंधन की एकजुटता और जीत सुनिश्चित करने के लिए जितना जहर होगा वह पिएंगे.
लेकिन महागठबंधन के लिए जहर पीने वाले उपेंद्र कुशवाहा को तेजस्वी की सीएम उम्मीदवारी नहीं पच रही है. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा है कि महागठबंधन का चेहरा कौन होगा यह अभी तय नहीं है, महागठबंधन के लोग बैठकर तय करेंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा है महागठबंधन में शामिल हर दल में सीएम बनने के योग्य लोग मौजूद हैं. जाहिर है उपेंद्र कुशवाहा का यह बयान यह संकेत देता है कि भले ही महागठबंधन की एकजुटता का दावा किया जा रहा हो लेकिन तेजस्वी की सीएम उम्मीदवारी पर कलह अभी खत्म नहीं हुई है. आरजेडी तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट घोषित कर चुकी है और कई बार यह साफ कर चुकी है महागठबंधन में सभी दलों को तेजस्वी को सीएम कैंडिडेट मानना होगा। ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से आने वाला यह बयान आरजेडी और आरएलएसपी के बीच के टकराव को बढ़ा सकता है.