DELHI : बिहार में जातिगत गणना से रोक हटेगी या नहीं, यह बुधवार को तय हो जाएगा। पटना हाईकोर्ट के जातीय गणना पर रोक लगाने को लेकर जारी आदेश के खिलाफ नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसके बाद अब इस ममाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करेगी। इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने बीते 4 मई को अंतरिम आदेश जारी कर जातिगत गणना पर रोक लगा दी थी।
दरअसल, बिहार में जातीय गणना की दूसरे चरण की गणना के दौरान पटना हाई कोर्ट में याचिका पर सुनवाई करते इस गणना पर रोक लगा दी है। चार मई को अपने अंतरिम आदेश में हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन जुलाई की तरीख तय करते हुए गणना पर अंतरिम रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने इसपर सरकार की जल्द तारीख देने की अपील को भी खारिज कर दिया। इसके बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसपर बुधवार को सुनवाई होगी।
मालूम हो कि, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में तीसरी बार पहुंचा है। इसके पहले दो बार जातीय गणना को असंवैधानिक करार देने की याचिकाओं को बार सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का मसला बताया था। इससे दोनों बार बिहार सरकार को राहत मिली थी। इस बार पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।
सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर जातिगत गणना से रोक हटाने की मांग की है। पिछले दिनों पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होनी है। इस आदेश के बाद राज्य में जातिगत गणना का काम रुक गया।
इसके बाद नीतीश सरकार ने हाईकोर्ट में अर्जी डालकर जातीय गणना के मामले की जल्द सुनवाई करने की मांग की। हालांकि, अदालत ने उससे भी इनकार कर दिया और कहा कि अगली सुनवाई 3 जुलाई को ही होगी। अब बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अगर सुप्रीम कोर्ट से नीतीश सरकार को राहत मिलती है, बिहार में जातिगत गणना का काम फिर से शुरू हो सकता है।