DESK : अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गया है । गर्भग्रह में मंत्रोच्चार के बीच पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के तौर पर भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की है। पीएम के अलावा कई अन्य गणमान्य लोग भी वहां पर हैं। इनमें आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल हैं। उनके अलावा सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्य यजमान अनिल मिश्र और डोमराजा अनिल चौधरी भी इसमें शामिल हैं। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान माथे पर तिलक और कुर्ता धोती पहनकर पीएम नरेंद्र मोदी बैठे थे। वहीं मोहन भागवत भी उनके ठीक बगल में नजर आए।
रामलला के विराजमान होते ही दुंदुभियां बज उठीं और हेलिकॉप्टर के जरिए आसमान से पुष्प वर्षा भी कराई गई। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहूर्त में की गई है, जिसमें उनका जन्म भी हुआ था। पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा कुल 15 यजमान और थे, जो प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल रहे। अयोध्या में सोमवार सुबह से ही मेहमानों का पहुंचना जारी था और पूरा हॉल खचाखच भरा नजर आया।
कार्यक्रम की शुरुआत में सोनू निगम, शंकर महादेवन जैसे गायकों ने भजन की प्रस्तुति भी की। इस प्रकार दिव्य और भव्य आयोजन के बाद प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू हुआ और भगवान विराज गए। इस मौके पर करीब 7000 से ज्यादा मेहमान मौजूद रहे, जो घंटियां बजाते दिखे। 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड पर शुभ मुहूर्त शुरू हुआ था और 84 सेकेंडों में भगवान राम गर्भगृह में विराजे।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनकी मनमोहन मूर्ति की पहली झलक भी सामने आ गई है। अब आम लोग भी 25 जनवरी से रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच सकते हैं। गौरतलब है कि इस दिव्य उत्सव और आस्थान के सैलाब में पहुंचने वालों में देश के नामी कारोबारी, सिलेब्रिटी और सामाजिक क्षेत्रों के लोग भी शामिल रहे हैं।
मालूम हो कि, पीएम मोदी और मोहन भगवत के बगल में बैठे आनंदीबेन पटेल एक भारतीय राजनीतिज्ञ और 29 जुलाई 2019 से उत्तर प्रदेश राज्य की राज्यपाल हैं, वह मध्य प्रदेश की राज्यपाल तथा गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। वे 1998 से गुजरात की विधायक हैं। 1987 में राजनीति से जुड़ी इस दौरान भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष, प्रदेश इकाई की भाजपा उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जैसे महत्वपूर्ण पद पर रही। 1992 में भाजपा द्वारा आयोजित कन्याकुमारी से श्रीनगर तक की एकता यात्रा में शामिल होने वाली गुजरात की एक मात्र महिला रही।कश्मीर में तिरंगा नही लहरा देने की आतंकवादियों की धमकी के बावजूद 26 जनवरी 1992 में श्रीनगर के लालचौक में राष्ट्रध्वज फहराने में शामिल थी।